राज एक्सप्रेस। सड़क हादसे में मारी गई छतरपुर की बेटी प्रज्ञा पालीवाल का अंतिम संस्कार महोबा रोड स्थित मुक्तिधाम में सपन्न हो गया। रात 3 बजे दिल्ली से निकला शव वाहन दोपहर साढ़े 3 बजे छतरपुर की सीताराम कॉलोनी स्थित प्रज्ञा के घर पर पहुंचा। यहां अंतिम दर्शनों के लिए सैंकड़ों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। रिश्तेदारों, मोहल्ले के लोगों के अलावा नगर के हजारों लोगों ने नम आंखों से प्रज्ञा को अंतिम विदाई दी। इस दौरान कलेक्टर मोहित बुंदस, विधायक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष, कार्यकारी जिलाध्यक्ष, एडीएम, एसडीएम, सीएसपी सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
9 अक्टूबर को प्रज्ञा पालीवाल की मौत हुई थी :
उल्लेखनीय है कि 9 अक्टूबर की रात करीब साढ़े 8 बजे फुकेट के पेटोंग शहर में प्रज्ञा पालीवाल की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। प्रज्ञा सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी और बैंगलोर में कार्यरत थीं। वे एक सेमीनार के लिए थाईलैण्ड यात्र पर गई थीं। 9 अक्टूबर को जब वे अपने सहकर्मी नीतेश मिश्रा निवासी सोनभद्र के साथ मोटर बाईक से जा रही थीं तभी बाइक फिसलने के कारण सामने से आ रही एक कार से उनकी टक्कर हो गई। इस हादसे में प्रज्ञा की मौके पर मौत हो गई थी जबकि गाड़ी चला रहे नीतेश को गंभीर चोटें आयीं थीं। हादसे के बाद प्रज्ञा के शव को वापस लाने में दिक्कतें आ रही थीं। परिवार के पास पासपोर्ट न होने के कारण थाईलैण्ड से शव वापस लाना बेहद मुश्किल था।
जब परिवार ने विधायक आलोक चतुर्वेदी से अपनी पीड़ा सुनाई तो उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से संपर्क कर इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर के हस्ताक्षेप के बाद मप्र सरकार के खर्चे पर प्रज्ञा का शव थाईलैण्ड से भारत लाया गया। छतरपुर से डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले परिवार के दो लोगों के साथ शव लाने दिल्ली गए थे। शनिवार रात करीब साढ़े 12 बजे हवाई जहाज से शव भारत आया और इसके बाद उसे शव वाहन के जरिये कॉफिन में रखकर छतरपुर लाया गया।
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