राज एक्सप्रेस। छतरपुर जिले की धरती में पाए जाने वाले उत्कृष्ट क्वालिटी के ग्रेनाईट खनिज के बावजूद यहां का ग्रेनाईट उद्योग धीरे-धीरे तबाह हो रहा है। जिले की 80 ग्रेनाईट खदानों में से लगभग 70 ग्रेनाईट खदानें बंद हो चुकी हैं और शेष बची 10 ग्रेनाईट खदानों में भी काम आधा हो गया है। इसका कारण है चाईना और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक युद्ध के कारण निर्यात के लिए घटती मांग एवं छतरपुर जिले में निकलने वाले कच्चे ग्रेनाईट को विक्रय योग्य बनाने के लिए राजस्थान के स्टोन पार्क तक ले जाने का खर्च।
अब छतरपुर की इसी ग्रेनाईट इंडस्ट्री को संजीवनी देने के लिए मप्र की सरकार छतरपुर जिले में स्टोन पार्क का निर्माण कर सकती है। रविवार को छतरपुर के खजुराहो में पत्रकारों से रूबरू होते हुए प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि विधायकों एवं खनिज अधिकारियों के सुझाव पर सरकार इस दिशा में विचार कर रही है।
क्या होता है स्टोन पार्क
स्टोन पार्क एक ऐसी जगह होती है, जिसे सरकार के अनुदान पर विकसित किया जाता है। सरकार यहां खनिज उद्योगपतियों को सस्ती दरों पर जमीन एवं मशीनरी सहयोग देकर ऐसे प्लांट विकसित कर सकती है जिससे की खदानों में निकले विभिन्न खनिजों को विक्रय योग्य बनाने के लिए संसाधन उपलब्ध होते हैं। फिलहाल छतरपुर में ग्रेनाईट सहित कई बहुमूल्य खनिज तत्व पाए जाते हैं लेकिन इनकी कटिंग एवं पॉलीशिंग की व्यवस्था छतरपुर में न होने के कारण इन्हें राजस्थान और गुजरात के स्टोन पार्क में ले जाना पड़ता है जिससे कि ग्रेनाईट कारोबार पर अतिरिक्त भाड़े की मार पड़ती है।
छतरपुर में पाया जाने वाला उत्कृष्ट क्वालिटी का लाल ग्रेनाईट दुनिया के कई देशों में निर्यात होता है लेकिन महंगा होने के कारण इसकी मांग घटने लगी है। सरकार एक स्टोन पार्क के माध्यम से इस कारोबार को बचाने के लिए न सिर्फ ठोस कदम उठा सकती है बल्कि इससे रोजगार के पर्याप्त अवसर भी निर्मित कर सकती है।
एक साल में तैयार होगा खजुराहो में डायमंड म्यूजियम एवं नीलामी केन्द्र
जिले में खनिज उद्योग और पर्यटन के जरिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और खजुराहो में प्रस्तावित डायमण्ड म्यूजियम सहित बक्स्वाहा क्षेत्र में हीरा उत्खनन के लिए खदान की नीलामी के संबंध में प्रदेश के खनिज संसाधन मंत्री प्रदीप जायसवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई।
बैठक के अवसर पर पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से अधिकारियों ने प्रस्तावित हीरा म्यूजियम और बक्स्वाहा बंदर खदान नीलामी की रूपरेखा और कार्ययोजना के बारे में चर्चा की। इस अवसर पर अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव भी रखे। म्यूजियम के प्रस्तावित डिजाइन और इसके निर्माण कार्य के बारे में बारीकी से अवगत कराया गया। बताया गया कि खनिज और पर्यटन विभाग के सहयोग से स्थापित होने वाले उद्योगों से जिले के स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल खजुराहो में हीरा व्यापारियों के आवागमन से पर्यटन के क्षेत्र में भी अवसर बढ़ेंगे।
खनिज मंत्री ने अधिकारियों से कहा-
खनिज मंत्री श्री जायसवाल ने अधिकारियों से कहा कि प्रस्तावित कार्ययोजना पर तत्काल कार्य करना सुनिश्चित करें। इसके लिए शासन स्तर से सभी जरूरी प्रयास और आवश्यक स्वीकृतियों का उन्होंने भरोसा दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि भूमि आवंटन के बाद एक वर्ष में डायमण्ड म्यूजियम शुरू हो जाएगा। उन्होंने इसकी सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में पुलिस अधिकारियों से चर्चा की और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को भी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के लिए ताकीद किया।
खदान की नीलामी की तैयारी खनिज मंत्री ने कहा
एशिया की सबसे बड़ी डायमंड खदान की नीलामी की तैयारी खनिज मंत्री ने कहा कि बंदर परियोजना में नीलामी के जरिए तकनीकी निविदा का निष्पादन इस माह के अंत तक हो जाएगा और यहां से उत्खनित जेम क्वालिटी के हीरों का प्रदर्शन नीलामी के लिए म्यूजियम में किया जाएगा। डायमण्ड टूरिज्म सर्किट के कॉन्सेप्ट पर भी उन्होंने चर्चा की। पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पन्ना में स्थापित होने वाले डायमण्ड पार्क के बारे में उपयोगी सुझाव दिए।
नई रेत नीति में पुलिस की लूट होगी बंद
खनिज मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशन के बाद नए रेत नियम प्रभावशील हो जाएंगे। छतरपुर जिले में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, अवैध वसूली और ओवर लोडिंग के बारे में भी मंत्री ने जानकारी ली। उन्होंने कहा कि खनिज संपदा का अवैध दोहन रोकने और राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए चिन्हित अवैध खदानों की नीलामी भी की जाएगी। उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब देते हुए कहा कि नई रेत नीति से न सिर्फ रेत उत्खनन से सरकार का राजस्व बढ़ेगा बल्कि पुलिस का अत्यधिक लूट कारोबार भी बंद हो जाएगा।
पत्रकारों ने उन्हें बताया था कि पुलिस के माध्यम से किस तरह छतरपुर जिले में रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। इसके अलावा जिले में नए खनिज उद्योग लगाए जाने की संभावना भी तलाशी जाएगी। इसके पहले खनिज विभाग के सचिव नरेन्द्र सिंह परमार ने ई-खनिज पोर्टल और विभाग के प्रस्तावित प्लान के बारे में अवगत कराया। सागर संभागायुक्त आनंद शर्मा ने भी बैठक में अपने सुझाव रखे।
जिले में डंप पड़ी खनिज राशि से होंगे विकास कार्य
उल्लेखनीय है कि जिले में खनिज सम्पदा के उत्खनन के उपरांत एक निश्चित अनुपात में उसकी एक निश्चित राशि को जिला खनिज कोष में जमाया कराया जाता है। यह राशि जिला योजना समिति के माध्यम से जिले के विकास पर खर्च होती है लेकिन छतरपुर में ऐसी लगभग 7 करोड़ रूपए की राशि कई महीनों से डंप पड़ी है। बैठक में विधायक आलोक चतुर्वेदी यह मुद्दा उठाया तो प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर मोहित बुंदस को निर्देशित किया कि इस राशि से शिक्षा, स्वास्थ्य और जल संरक्षण की दिशा में काम करना सुनिश्चित करें।
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