राज एक्सप्रेस। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देश में पॉलीथिन मुक्त अभियान की शुरूआत की है। पर्यावरण के लिए जानलेवा साबित होने वाली सिंगल पॉलीथिन से हो रहे नुकसान से बचाने के लिए उनके द्वारा देशवासियों से भी पॉलीथिन छोड़ने की अपील की गई है ।
7 सालों से नहीं किया पॉलिथीन का उपयोगः
करीबन 7 सालों से पॉलिथीन का प्रयोग ना करते हुए इस शख्स ने पॉलीथिन मुक्त अभियान को नई दिशा दी है। यह व्यक्तित्व युवा समाजसेवी एवं भाजपा के नेता पंकज पहारिया है जो इस अभियान के नए प्रेरक बन गए हैं। पॉलीथीन का इस्तेमाल बंद करने के साथ ही अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों से यह शर्त भी लगा रखी है कि यदि कोई उन्हें पॉलीथिन बैग लेकर देखे तो वह 500 रुपए का इनाम देंगे।
नगरपालिका ने 7 साल पहले किया था फैसलाः
नगरपालिका द्वारा 7 साल पहले पॉलिथीन को बंद करने का फैसला करने पर सिर्फ पहारिया ही जागे थे। लोकनाथपुरम् बिजावर नाके पर रहने वाले एवं सहारा कंपनी में कार्यरत पंकज पहारिया बताते हैं कि 7 वर्ष पहले छतरपुर नगर पालिका ने शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने का ऐलान किया था लेकिन यह ऐलान सिर्फ दिखावटी साबित हुआ। सब्जीवालों पर मामूली धौंस जमाने के अलावा नगर पालिका ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
पॉलिथीन को छोड़ने का लिया संकल्पः
7 साल पहले ही उनके दिमाग में यह विचार आया कि क्या वे स्वयं पॉलीथिन छोड़ सकते हैं। इस विचार के बाद उन्होंने एक दिन पॉलीथिन छोड़ने का संकल्प ले लिया। तब सब्जी से लेकर दूध और द्रव्य पदार्थों की खरीददारी में भी पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं करते।
परिवार ने दिया साथ, पत्नि और बच्चे भी हुए जागरुकः
पॉलीथिन मुक्त अभियान के प्रेरक व्यक्तित्व बन चुके श्री पहारिया का इस मुहिम में उनके परिवार ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया। श्री पहारिया की पत्नी निधि पहारिया बताती हैं, कि शुरुआत में पॉलीथिन त्यागने का फैसला बड़ा जटिल लग रहा था लेकिन धीरे-धीरे हर चीज के लिए हमने वैकल्पिक साधन खोज लिए। पहारिया दंपत्ति के बच्चे भी अब पॉलीथिन के नुकसान पर चर्चा करते हुए दूसरों से पॉलीथिन छोड़ने की अपील करते हैं।
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