कूनो नेशनल पार्क में चीता की मौत  सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Cheetah Project: कूनो में 'साशा' के बाद चीता 'उदय' की मौत

नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे जिसमें अब 18 बचे हैं। लगातार दो चीता की मौत ने वन्य प्राणी चिकित्सकों एवं चीता परीयोजना विशेषज्ञ की चिंता बढ़ा दी है।

Mumtaz Khan

भोपाल। चीता स्टेट मध्य प्रदेश के कूनो में एक और चीता की संदिग्ध मौत हो गई। उदय नामक चीता को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। पहले 'साशा' और रविवार को उदय की मौत के बाद प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं, इससे पहले मादा चीता साशा की मौत इंफेक्शन की वजह से हो चुकी है। बीते साल नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे, जिसमें अब18 बचे हैं।

सूत्रों ने बताया कि 'उदय' चीता 2 दिन से अस्वस्थ था। पार्क प्रबंधन के निगरानी दल की नजर उस पर रविवार की सुबह 9 बजे पड़ी। वह सिर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा था। निगरानी दल जब उसके करीब पहुंचा तो चीता उठकर लड़खड़ा कर एवं गर्दन झुका कर चलता पाया। चीता उदय की हालत की सूचना वायरलेस द्वारा तत्काल वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गई। वन्य प्राणी चिकित्सक दल द्वारा तत्काल मौके पर जाकर चीता उदय का निरीक्षण किया और प्रथम दृष्टया बीमार पाया।

मौके पर मौजूद समस्त वन्य प्राणी चिकित्सकों एवं चीता परीयोजना विशेषज्ञ द्वारा यह महसूस किया गया कि उपचार के लिए ट्रेंकुलाइज करना जरूरी है। सुबह 9:45 पर मुख्यवन संरक्षक उत्तम शर्मा ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान से 'उदय' की अस्वस्थता की जानकारी देते हुए ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मांगी। सुबह 11 बजे चीता को बेहोश कर उपचार की शुरुआत हुई, उपचार के दौरान ही चीता उदय की मौत हो गई। लगातार दो चीता की मौत ने वन्य प्राणी चिकित्सकों एवं चीता परीयोजना विशेषज्ञ की चिंता बढ़ा दी है।

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