हाइलाइट्स :
मंगलवार को भी प्रदेश के दौरे पर रहेगा दल
दो हजार करोड़ रुपए के प्रारंभिक नुकसान का अनुमान
भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश के नौ जिलों में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने का सिलसिला सोमवार से केंद्र सरकार की टीम ने शुरू कर दिया है। अंर्तमंत्रालयीन केंद्रीय अध्ययन दल ने सोमवार को दो दलों में विभाजित होकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में बाढ़ की भीषण तबाही में प्रारंभिक अनुमान के हिसाब से कम से कम दो हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अभी जमीनी स्तर पर सर्वे का काम चल रहा है। ऐसे में नुकसान का आंकड़ा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
दल का नेतृत्व भारत सरकार के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुनील कुमार बर्नवाल कर रहे हैं। अध्ययन दल में बर्नवाल के साथ डिप्टी इसीओ अभय कुमार, मप्र के कृषि संचालक डॉ. एके तिवारी, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री मनोज तिवारी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी डीके शर्मा एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के अवर सचिव आरके श्रीवास्तव शामिल हैं। दो भागों में बंटे दल के पहले दल ने सोमवार को ग्वालियर संभाग के डबरा-चांदपुर, दतिया जिले के कोटरा, सुनाती, अन्डोरा, खरोनाघाट का दौरा किया। दूसरे दल ने सबलगढ़ के श्यामपुर, ओछापुरा, ढोढर, मानपुर एवं श्योपुर का निरीक्षण किया। मंगलवार को अध्ययन दल का एक दल ग्वालियर से भितरवार, सिला, पलाधा,यावदा, पनघटा, पुल्हा सिहोर एवं शिवपुरी के रायपुर, हरई, बरखेड़ी, कूपरेटा का निरीक्षण कर वापिस ग्वालियर लौटेगा। दूसरा दल श्योपुर के प्रेमसर, उतनवाड़ा, अलापुरा, मूंडला, आवदा एवं श्योपुर का निरीक्षण करेगा।
केंद्रीय दल आज करेगा सीएम से मुलाकात :
केंद्रीय दल चंबल एवं ग्वालियर संभाग के निरीक्षण के बाद भोपाल पहुंचकर मंगलवार को शाम 7:00 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंत्रालय में चर्चा करेगा। बैठक में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी मौजूद रहेंगे।
2,444 गांव हुए बाढ़ एवं अति वृष्टि से बुरी तरह से प्रभावित :
बाढ़ प्रभावित 09 जिलों के दो हजार 444 गांव बाढ़ एवं अति वृष्टि से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार एक लाख एक हजार 669 हेक्टर क्षेत्र में फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। लगभग 57 हजार 527 घर बाढ़ में बह गए अथवा पूरी तरह से नष्ट हुए। इसके अलावा 1735 करोड़ 50 लाख रुपए की शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचा। इसमें शासकीय भवन, सड़क, बिजली प्रदाय अधोसंरचना, वन, पुल, बांध सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा राशन वितरण की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों सहित लगभग दो करोड़ 50 लाख से अधिक मूल्य का खाद्यान्न बाढ़ के पानी से खराब हो गया। वेयर हाउस में सुरक्षित रखा खाद्यान्न भी बड़ी मात्रा में बाढ़ से प्रभावित हुआ।
सेना और एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर की भी ली मदद :
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 31 जुलाई से 06 अगस्त की अवधि में ग्वालियर और चंबल संभाग के 08 जिलों ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, दतिया, अशोक नगर, श्योपुर, भिण्ड, मुरैना और भोपाल संभाग के विदिशा जिले सहित कुल 09 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से शासकीय और जन-संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। युद्ध स्तर पर चलाए गए राहत और बचाव कार्यों के दौरान इन जिलों के 9334 रहवासी पीडि़तों को रेस्क्यू किया गया और 32 हजार 960 लोगों को बाढ़ में घिरे उनके रहवासों से सुरक्षित निकाला गया। बाढ़ और अति वर्षा से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए स्थापित 161 राहत शिविरों में कुल 21,555 लोगों को आश्रय उपलब्ध कराया गया। राहत और बचाव कार्यों में सेना के साथ ही एयर फ ोर्स के 06 हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। इसके अलावा एनडीआरएफ की 08 यूनिट, एसडीइआरएफ की 29 टीम, होमगार्ड की 61 टीम, अति वर्षा और बाढ़ प्रभावित सभी 09 जिलों के पुलिस बल और 478 नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवक की मदद ली गई।
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