भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में आगामी 30 अक्टूबर को होने वाले एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा जीत का परचम लहरा सकती है। इसके पीछे जो वजह सामने आ रही हैं उनमें दमोह विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेकर अपनाई जा रही प्रचार की रणनीति, कांग्रेस की अंतर्कलह और आक्रामकता में कमी और प्रदेश सरकार द्वारा जनता के हित में लिये जा रहे ताबड़तोड़ फैसलों से बना जनमानस प्रमुख है।
खंडवा लोकसभा सीट :
बात करें खंडवा लोकसभा सीट की तो यहां पार्टी ने नए चेहरे को मैदान में उतारकर उन बातों पर विराम लगा दिया है जिसमे कहा जाता था कि वंशवाद के चलते पूर्व सांसद नंदू भैया के पुत्र हर्षवर्धन को टिकट दिया जाएगा और वह मुख्यमंत्री की पहली पसंद भी है। लेकिन ज्ञानेश्वर पाटिल को मैदान में उतारकर विरोधियों को करारा जबाब दिया है। इसके अलावा क्षेत्र में भाजपा के प्रति जनता का रूझान और पिछले दो बार से भाजपा प्रत्याशी की जीत इस बात को इंगित करती है कि एक बार फिर खंडवा में भाजपा को सफलता प्राप्त हो सकती है। साथ ही यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता अरूण यादव का चुनाव नहीं लड़ना भाजपा की जीत में सहायक होगा।
अब बात करें तीनों विधानसभी सीटों की तो सबसें पहलें अलीराजपुर की जोबट सीट से शुरू करें जहां भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में आई सुलोचना रावत को टिकट देकर जहां एक और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई है वहीं आदिवासी वर्ग के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा से इस बात का संकेत दिया है कि भाजपा उनके उत्थान में कोई कोर कसर बाकी नहीं रहने देगी इसके पूर्व 17 सितंबर को शंकर शाह और रघुनाथ शाह का जबलपुर में कार्यक्रम कर इस वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है।
रैगांव सीट पर भाजपा ने अपने दिवगंत नेता स्व. जुगल किशोर बागरी के घर से बाहर जाकर प्रतिमा बागरी को प्रत्याशी बनाया है यहां भी भाजपा ने वंशवाद को दरकिनार किया है क्षेत्र में बागरी समुदाय का अच्छा वर्चस्व है।
पृथ्वीपुर सीट से भाजपा ने सपा से पिछली बार चुनाव लड़े शिशु पाल सिंह यादव को टिकट देकर जहां सपा के वोट को अपने खाते में डालने का प्रयास किया है वहीं दूसरी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की चुनौती भी है क्योंकि यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक स्व. बृजेन्द सिंह राठौर के पुत्र नीतेन्द्र सिंह को मैदान में उतारा है जहां वह सहानुभूति लहर का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है लेकिन क्षेत्र की जनता इस बार बदलाव के मूड़ में है और इसके चलते भाजपा को यहां से विजय प्राप्त हो सकती है।
इन उपचुनाव में जहां भाजपा विजयश्री पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि पार्टी की मेहनत में सहायक सिद्ध होकर भाजपा को प्रसन्न होने का मौका दे रही है।
चाहे फिर वह निर्णय युवाओं के हित में हो या फिर दलित और पिछड़े वर्ग के लिए हो महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश की कानून व्यववस्था और अपराधियों को कड़ी सजा का प्रवधान अभी तक प्रदेश में इस तरह के अपराधियों को फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में मामले चलाकर सजा दिलाना प्रदेश सरकार की प्रमुखता रही है। जिससे जनमानस में यह विचार भी उत्पन्न हुआ है कि प्रदेश सरकार महिला, दलित और पिछड़ों के हित के लिए सभी जरूरी कदम उठाने में कोई कमी नहीं रख रही है। इन उपचुनाव में भाजपा और प्रदेश सरकार की बात करें तो मुख्यमंत्री चौहान की जनता में छवि ही भाजपा को इन उपचुनाव में निर्णायक भूमिका होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने अभी तक के कार्यकाल में हर वर्ग के लिए जो काम किए है वह भी एक प्लस पाइंट है।
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