गहलोत की खाली सीट पर भाजपा नेताओं की नजर Neha Shrivastava - RE
मध्य प्रदेश

गहलोत की खाली सीट पर भाजपा नेताओं की नजर

राज्यपाल गहलोत की सीट किसको मिलेगी, इसकी चर्चा भाजपा नेताओं में होने लगी है। विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या के अनुसार इस सीट से भाजपा उम्मीदवार का जीतना तय है।

Author : Shravan Mavai

भोपाल, मध्यप्रदेश। पूर्व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के राज्यपाल नियुक्त होने के बाद खाली हुई मप्र की राज्यसभा सीट पर राज्यसभा जाने के इच्छुक भाजपा नेताओं की नजर टिक गई है। राज्यपाल गहलोत की सीट किसको मिलेगी, इसकी चर्चा भाजपा नेताओं में होने लगी है। भाजपा के अंदर के सुत्रों के मुताबिक गहलोत की खाली सीट से पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय के नाम पर विचार किया जा रहा है।

विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या के अनुसार इस सीट से भाजपा उम्मीदवार का जीतना तय है। जीत सुनिश्चित होने से राज्यसभा सांसद बनने के उम्मीदवारों से अभी लोबिंग शुरू कर दी है, हलांकि भाजपा में संगठन और संघ ही सबकुछ तय करते हैं। ऐसे में गहलोत की सीट पर कौन बैठेगा इसका फैसला भी संगठन और संघ ही करेगा। इस समय पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय के नामों की चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि इन चार नेताओं में से कोई एक राज्यसभा पहुंचेंगा। सबसे प्रबल संभावना उज्जैन के पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय के राज्यसभा जाने की है।

भाजपा और संघ की पंसद कौन :

कृष्ण मुरारी मोघे को स्वयं सेवक संघ की पंसद माना जा रहा है। मोघे पूर्व सांसद औैर इंदौर के महापौर भी रहे हैं। संघ मोघे को सक्रिय राजनीति में लाना चाहता है। उनका नाम खंडवा सीट से उपचुनाव में उम्मीदवार के तौर पर भी चल रहा है, लेकिन संघ उन्हें राज्यसभा भेजने में अधिक रूचि रखता है। इस मामले में अगर संघ ने अपने अधिकार का संपूर्ण उपयोग किया तो मोघे का राज्यसभा सांसद बनना तय है। राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी खंडवा सीट से उपचुनाव लड़ने को लेकर चर्चा में है, लेकिन भाजपा उन्हें राज्यसभा भी भेज सकती है। श्री विजयवर्गीय इंदौर संभाग के बड़े नेता हैं और उनकी इस क्षेत्र में काफी गहरी पेठ है। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया के नाम भी भाजपा विचार कर रही है। श्री जाटिया उज्जैन से पांच बार लोकसभा सांसद रहे हैं। वह अनुसूचित जाति वर्ग से भी आते हैं, इसलिए उनको राज्यसभा में भेजकर पार्टी अनुसूचित जाति वर्ग को साध सकती है। उज्जैन के ही पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय को सबसे पहल दावेदार माना जा रहा है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, तब वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, इसलिए पार्टी उनको सक्रिय करने के लिए राज्यसभा भेज सकती है।

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