जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट से एक रिटायर्ड डीएसपी को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने सेवानिवृत्त अधिकारी से नौकरी के दौरान भुगतान की गई अतिरिक्त राशि की वसूली के आदेश को निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति संबंधी बकाया राशि व वसूली की गई राशि को 90 दिन के भीतर प्रदान करने निर्देशित किया है, ऐसा न होने की स्थिति में उक्त राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना पड़ेगा।
यह मामला सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी शशि प्रकाश दुबे की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वह जुलाई 2017 में डीएसपी के पद से रिटायर हुए थे। सेवानिवृत्ति उपरांत उन्हें वसूली नोटिस जारी किया गया कि उन्हें द्वितीय समयमान वेतन सितम्बर 2007 से दिया जाना था, परन्तु यह लाभ अप्रैल 2016 से दे गया है। अत: आधिक राशि वापिस की जाए।
याचिकाकर्ता ने उक्त आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि उक्त भुगतान में उनकी कोई त्रुटि नहीं है। वहीं सरकार द्वारा तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता क्षतिपूर्ति बॉन्ड इस आशय का निष्पादित किया था कि आधिक राशि भुगतान होने की स्थिति में आधिक राशि वापस करना पड़ेगा। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अवधारित किया कि कथित क्षतिपूर्ति बॉन्ड किस तिथि को निष्पादित किया है यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
वहीं आवेदक की ओर से कहा गया कि उसने द्वितीय समयमान वेतन का लाभ प्रदान किए जाने के समय कोई इस प्रकार का बाँड निष्पादित नहीं किया। चूंकि याचिकाकर्ता ने उक्त वेतनमान का लाभ प्राप्त समय कोई क्षतिपूर्ति बांड निष्यादित नहीं किया था, याचिकाकर्ता से वसूली नहीं की जा सकती है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त राहकारी आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से प्रशान्त अवस्थी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला व अपूर्व त्रिवेदी ने पैरवी की।
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