ग्वालियर। महाराज बाड़े की विक्टोरिया मार्केट में देश का पहला जियो लॉजिकल म्युजियम बनाया जा रहा है। इसमें दो गैलरी बनाई जानी हैं जिसमें से इसकी पहली गैलरी का निर्माण पूर्ण हो गया है। शनिवार को म्युजियम की निर्माण कर्ता कंपनी ने एक गैलरी भारत सरकार के खनन मंत्रालय के डायरेक्टर ऑफ जनरल डॉ. एस राजू को हैंडओवर कर दी है। गैलरी का शुभारंभ अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या मुख्यमंत्री के हाथों कराने की तैयारी है। इसके बाद यह गैलरी आम जनता के लिए खोल दी जायगी।
कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार के खनन मंत्रालय के डायरेक्टर ऑफ जनरल को डॉ. एस राजू ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू से इंडियन म्यूजियम कोलकाता का तीन गैलरी मेन्टेन करते है । भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के 6 क्षेत्रीय कार्यालय, और 28 राज्य इकाई कार्यालय में भूविज्ञान संग्राहलय है, लेकिन पूर्ण रूप से भूविज्ञान संग्रहालय 35 करोड़ रुपए की लागत से ग्वालियर में पहली बार बन रहा है। भूविज्ञान संग्राहलय महाराजा बाड़ा, ग्वालियर में दो गैलरी है, जिसमे प्रथम गैलरी का नाम परिवर्तनशील पृथ्वी और दूसरी का जीवन का विकास है। इसमें से प्रथम गेलरी, परिवर्तनशील पृथ्वी पूर्ण रूप से तैयार हो चुकी है। शीघ्र ही इसका लोकार्पण किया जाएगा। शनिवार को यह गैलरी निर्माण कर्ता कंपनी ने खनन मंत्रालय के सुपुर्द कर दी है।
इस गैलरी का शुभारंभ अप्रैल माह में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों से कराने की तैयारी है। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्या सिंधिया पीएम एवं राष्ट्रपति से समय लेने का प्रयास कर रहे हैं। शनिवार के कार्यक्रम में निगमायुक्त किशोर कन्याल, जीएसआई के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ जनरल सुब्रासूचित सरकार, प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर पवन सिंघल, महेंद्र अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
परिवर्तनशील पृथ्वी गैलरी में सात एन्क्लेव
खनन मंत्रालय के डायरेक्टर ऑफ जनरल डॉ. एस राजू ने चर्चा करते हुए बताया कि म्युजियम की पहली गैलरी का नाम परिवर्तनशील पृथ्वी रखा गया है। इसमें सात एन्क्लेव है, जो पृथ्वी के निर्माण सहित अन्य प्रकार की जानकारी आम जनता को देखें। यह म्युजियम स्कूली बच्चे एवं शिक्षारत छात्र-छात्राओं के लिए बेहद अहम साबित होगा। इस म्युजिम का शुभारंभ होने के बाद 25 रुपय में व्यस्क एवं 10 रुपय में छात्र-छात्राएं इसे देख सकेंगे।
इन सात एंकलेव से समझेंगे पृथ्वी निर्माण की प्रक्रिया
एन्क्लेव 1- हमारे ग्रह का जन्म,पृथ्वी की कहानी,हमारी पृथ्वी के अंदर,पृथ्वी की स्तर प्रतिमा एवं पृथ्वी के केंद्र की यात्रा बताई जायगी।
एन्क्लेव 2 - पेजिया,जिग्सो पजल, भारत कहां था, महान हिमालय के विषय में बताया जायगा।
एन्क्लेव 3 - वल्कन की कहानी,एक ज्वालामुखी का परिचय,ज्वालामुखी के प्रकार, तुम बालकेन हो, ऐतिहासिक घटनाए,ं भविष्य की ज्वालामुखी घटनाएं/चेतावनी के बारे में बताया जायगा।
एन्क्लेव 4 - भूकंप सिम्युलेटर,भूकंप को मापना,चीनी सीस्मोग्राफ,भूकंप क्या है, अधिकेंद्र ढूंढना, रिक्टर पैमाने, प्लेट बाउंड्रीज, रिंग ऑफ़ फायर के बारे में बताया जायगा।
एन्क्लेव 5 - पत्चिन,जीएसआई का समुद्री अन्वेषण, डेक्कन ट्रैप और इसका गठन, डेक्कन के जिओलाइट्स, डेक्कन से डायनासोर का विलुप्त होना, बंजर द्वीप ,सबसे पुरानी चट्टान के बारे में जानकारी मिलेगी।
एन्क्लेव 6 - वह क्षेत्र जो हमारे ग्रह की रक्षा करता है (पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र), क्षेत्र के उन्मुखीकरण का पता लगाना, कोर पर चुंबक (जियोमैप्रेटिज्म की उत्पत्ति),धु्रवीय भटकन और चुंबकीय उत्क्रमण, शिला चक्र, खनिज की पहचान , डायमेंसन स्टोन के बारे में बताया जायगा।
एन्क्लेव 7 - रत्न पत्थर, उल्कापिंड, कोपला, मिट्टी की रूपरेखा के विषय में जानकारी मिलेगी।
जीएसआई की ग्वालियर चंबल के लिए आगामी योजनाएं
भविष्य में ग्वालियर को भू-पर्यटन के रूप में तैयार किया जाएगा।
ग्वालियर के निकट राष्ट्रीय भू-पर्यटन, भू-विरासत स्थलों के भ्रमण की व्यवस्था करना।
चंबल बीहड़, मुरैना जिला, मध्य प्रदेश ।
उल्कापिंड के प्रभाव से बना गड्डा, ढाला, शिवपुरी जिला, मध्य प्रदेश ।
भू-विरासत स्थल के रूप में ग्वालियर जिले के पिछोर में ऑर्बिकुलर ग्रेनाइट साइट का विकास करना।
छात्रों और आम लोगों के लिए भूविज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए ई व्याख्यान श्रृंखला।
छात्रों के साथ-साथ आम लोगों के लिए चट्टानों और खनिजों को पेश करने के लिए ग्वालियर शहर में और उसके आसपास भूवैज्ञानिक ट्रैवर्स तैयार करना।
इनका कहना है.
देश का पहला जियो लॉजिकल म्युजियम ग्वालियर में बनाया जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में यह म्युजिसम पर्याटन एवं शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस म्युजियम में बहुत ही दुलर्भ एवं नायाब वस्तुएं रखी गई हैं इसलिए इसकी सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया जायगा। अप्रैल माह में ही इसका शुभारंभ करायंगे।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त ग्वालियर
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