मोबाइल सिम के डिस्ट्रीब्यूटर का फर्जीवाड़ा  RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

मोबाइल सिम के डिस्ट्रीब्यूटर का सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, अब तक फर्जी नाम-पते पर जारी कर दी गईं सवा लाख सिम

Cybercrime Madhyapradesh: खुलासे के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जीवाड़ा में शामिल 52 डिस्ट्रीब्यूटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

Gurendra Agnihotri

भोपाल। मध्यप्रदेश की साइबर क्राइम पुलिस ने मोबाइल सिम के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा किया है। डिस्ट्रीब्यूटर ने फर्जी नाम-पते और सिर्फ एक चेहरे पर 2200 से ज्यादा मोबाइल सिम जारी कर दी हैं। आरोपी बिना केवायसी किए फर्जी नाम-पते पर सिम लेकर ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। खुलासे के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जीवाड़ा में शामिल 52 डिस्ट्रीब्यूटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

स्टेट साइबर क्राइम पुलिस ने जिन 52 सिम डिस्ट्रीब्यूटर (वितरक) को नोटिस जारी किया है, उनमें सभी का ताल्लुक सिर्फ दो जिलों से है। इनमें 47 रीवा और पांच डिस्ट्रीब्यूटर सतना जिले के हैं। दोनों जिलों ने तकरीबन आठ हजार सिम फर्जी तरीके से जारी की हैं। इनमें से एक चेहरे पर सबसे ज्यादा 2200 सिम जारी की गई हैं। खास बात यह कि इसमें पहचान छुपाई गई है। कुछ सिम का सत्यापन तो किया गया है, उसके बावजूद बहुत सारी सिम एक चेहरे पर जारी की गई हैं। बहुत सारी सिम बिना सत्यापन जारी कर दी गई हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा है।

जांच से जुड़े अफसरों की माने तो फर्जी चेहरे और नाम-पते पर जारी होने वाली सिम का फर्जीवाड़ा दूसरी बार पकड़ा गया है। इससे पहले तकरीबन 16 हजार फर्जी सिमें बंद कराई गई थीं। बंद होने वाली सिमें आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियों की थीं। इस बार फर्जी सिम की बड़ी खेप पकड़ी गई है। अब तक की जांच में पता चला है कि तकरीबन सवा लाख सिम फर्जी नाम-पते पर जारी की गई हैं। तकरीबन सौ से लेकर ढाई हजार तक सिम सिर्फ एक चेहरे पर जारी कर दी गई हैं। यह काम पहचान छुपाकर किया गया है। साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फर्जी नाम-पते पर सिम लेते हैं और उसके बाद ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।

अफसरों का कहना है कि लाटरी खुलने से लेकर तमाम तरह का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी की वारदात की जाती है। इस तरह का सारा गुनाह फर्जी सिम से किए जाते हैं। चूंकि वे फर्जी नाम-पते पर सिम हासिल कर लेते हैं, इसलिए उनका अता-पता नहीं होता है। लिहाजा उन्हें खोज पाना बिल्कुल आसान नहीं होता है। जिनके नाम पर डिस्ट्रीब्यूटर सिम जारी करते हैं, उन्हें इसके बारे में अता-पता नहीं होता है। पुलिस उनके दरवाजे पर पहुंचती है, तब पता चलता है कि उनके नाम पर गुनाह हो गया है। ऐसे में आरोपियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती है। अब जब फर्जी सिम पकड़ी गई हैं और सिम का वितरण वालों की गड़बड़ी पकड़ी गई है, तब उन पर कार्रवाई शुरू की गई है। इससे फर्जीवाड़े पर प्रभावी नियंत्रण होगा और ठगी की वारदातों में भी कमी आएगी।

इनका कहना है

फर्जी तरीके से सिम जारी करने वाले 52 वितरकों को नोटिस जारी किया गया है। अलग-अलग डिस्ट्रीब्यूटर्स ने सिर्फ एक चेहरे पर लगभग बाइस सौ सिम जारी कर दी हैं। शुरुआती जांच में पता चला कि तकरीबन सवा लाख सिम फर्जी नाम-पते पर जारी हुई हैं। उनकी भी जांच कर रहे हैं।

योगेश देशमुख, एडीजी राज्य साइबर क्राइम

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