हाइलाइट्स :
नर्मदा में क्रूज चलाने से इसके पानी की गुणवत्ता खराब होगी।
क्रूज और मोटर बोट संचालन के लिए सक्षम अथॉरिटी से अनुमति नहीं ली गई।
एक्ट व नियमों का उल्लंघन कर इनका संचालन किया जा रहा है।
Decisions of National Green Tribunal: भोपाल। एनजीटी (National Green Tribunal) की सेंट्रल बेंच ने सोमवार को एक और बढ़ा फैसला दिया है। बड़ा तालाब समेत प्रदेश के सभी नदियों व तालाबों में क्रूज और मोटर बोट चलाने पर रोक लगा दी है। बेंच ने आदेश में कहा है कि एक्ट व नियमों का उल्लंघन कर इनका संचालन किया जा रहा है। इसके लिए किसी भी सक्षम अथॉरिटी से अनुमति नहीं ली गई। ऐसे में इनका संचालन अवैध है। साथ ही कहा है कि बफर जोन या नो इंफ्लुएंस जोन में किसी भी तरह का पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इसे तोड़ा जाए। इसकी जद में बड़ा तालाब का जीवन वाटिका के पास बना म्युजिकल फाउंटेन भी बताया जा रहा है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तीन महीने में कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने का ऑर्डर दिया है।
बेंच के ज्युडिशियल मेंबर रहे जस्टिस सुधीर अग्रवाल व एक्सपर्ट मेंबर अफरोज अहमद की ओर से यह आदेश दिया गया है। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। इसका ऑर्डर मंगलवार को जारी किया गया है। जस्टिर सुधीर अग्रवाल का कुछ दिन पहले सेंट्रल बेंच से तबादला हो चुका है। बेंच ने आदेश में यह भी कहा है कि रेस्टोरेंट, वेटिंग रूम के निर्माण के लिए पेड़ काटे गए, लेकिन इसके लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली गई। संबंधित पीसीसीएफ इस मामले में एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिम्मेदार एजेंसियों को क्रूज व बोट के संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) बनाने के आदेश भी दिए हैं।विदेशों में चलने वाली मोटर बोट की अनुमति देने के लिए शर्तें तैयार करने के लिए कहा है।
वेटलैंड में केवल गैर मोटर चलित नावों की अनुमति, फिर कैसे चल रहे क्रूज
पर्यावरणविद डॉ सुभाष सी पांडेय ने एनजीटी में याचिका लगाई थी कि बड़ा व छोटा तालाब और अन्य जलाशयों को मोटर बोट्स, क्रूज के संचालन से नुकसान पहुंच रहा है। भोज वेटलैंड रामसर साइट है। बड़ा तालाब 31 वर्गकिमी क्षेत्र में फैला है। लाखों लोगों की पेजयल की जरूरत पूरी करता है। भोपाल मास्टर प्लान 2005 में साफ कहा गया है कि बड़ा तालाब में किसी भी तरह की मनोरंजन (रीक्रिएशनल) गतिविधियां नहीं होना चाहिए क्योंकि इसका पानी पीने में उपयोग किया जाता है। सुनवाई के दौरान बेंच के समक्ष बताया कि राज्य सरकार की ओर से पिछले साल मार्च में जारी नोटिफिकेशन में भोज वेटलैंड का एरिया 3946.33 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है।
अधिसूचना में वेटलैंड से 50 मीटर की दूरी तक विनियमित गतिविधियों में गैर मोटर चलित नावों के संचालन की अनुमति दी गई है। फिर भी सरकारी एजेंसियां बड़ा तालाब जैसे जलस्त्रोतों को नुकसान पहुंचाने में लगी हैं। स्मार्ट सिटी क्रूज रेस्टोरेंट का निर्माण करा रहा है। मप्र टूरिज्म बोर्ड नदियों, तालाबों में क्रूज चलाना रहा है। बिना किसी अनुमति या एनओसी के बड़ा तालाब में यह गतिविधियां शुरू भी कर दी गईं। नर्मदा में क्रूज चलाने से इसके पानी की गुणवत्ता खराब होगी। क्रूज जहरीली गंदगी पानी में छोड़ते हैं। यह पर्यावरण, जल, वायु और बायोडायवर्सिटी एक्ट का सीधा उल्लंघन है।
एमपीपीसीबी की क्लीन चिट, सीपीसीबी ने बताया प्रदूषण
याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से भी की थी। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी ने जवाब तलब किया था। इसके बाद भी नगर निगम, स्मार्ट सिटी और टूरिज्म बोर्ड ने गतिविधियां जारी रखी। इधर, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ा तालाब में क्रूज संचालन का निरीक्षण किया। रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी। इस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति की। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जांच कराई। इसमें सामने आया कि क्रूज से ध्वनि के तय मानकों से ज्यादा आवाज हो रही है। कुछ डीजल भी लीक हो रहा था। इंजन कूलिंग वॉटर, वॉश बेसिन वेस्ट वॉटर तालाब में छोड़ा जा रहा है। इस रिपोर्ट और याचिकाकर्ता के तर्कों व बिंदुओं के आधार पर एनजीटी ने यह अहम फैसला दिया है।
यहां चल रहे क्रूज
खंडवा के इंदिरा सागर बांध, मंधाता में ओंकारेश्वर डेम, होशंगाबाद में तवा डेम, ग्वालियर के तिगरा बांध, जबलपुर में क्रूज चल रहे है।
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