भोपाल, मध्यप्रदेश। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का दौर जहां जारी है वहीं दूसरी तरफ संकट के माहौल में अप्रत्याशित घटनाओं का सिलसिला भी जारी है इस बीच ही बड़े 4 जिलों में आईटीआई निर्माण कंपनी के जाली बैंक गारंटी घोटाले का खुलासा हुआ है जिसके तहत एनपीसीसी को 11 करोड़ की श्री तिरुपति कंस्ट्रक्शन ने जाली बैंक गारंटी दी है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार बताते चलें कि, बैंक गारंटी घोटाले में टीम ने बड़ा खुलासा करते हुए कार्रवाई की है। जिसके तहत पता चला है कि, श्री तिरुपति कंस्ट्रक्शन ने एनपीसीसी को 11करोड़ रु का चूना लगाया है। बता दें कि, बावड़िया कला में श्री तिरुपति कंस्ट्रक्शन का ऑफिस मौजूद है। जिसके तहत पता चला है कि, मामले में सीएम की फर्जी नोट शीट बनाने वाला सौरभ मौर्य उसका साथी नितिन शर्मा और एनपीसीसी का पूर्व जोनल मैनेजर सुनील कुमार शामिल है। वहीं, पूर्व जोनल मैनेजर सुनील कुमार एनपीसीसी के कार्यालय रायपुर में पदस्थ है। बता दें कि, एनपीसीसी केंद्र सरकार का उपक्रम एवम् 9रत्न कंपनी में एक है।
आईटीआई कॉलेज निर्माण के लिए एनपीसीसी ने दिया था ठेका
इस संबंध में बताया जा रहा है कि, आईटीआई कॉलेज निर्माण के लिए एनपीसीसी ने श्री तिरुपति कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया था, जहां एनपीसीसी की देखरेख में जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल में आईटीआई कॉलेज का निर्माण होना था। बताते चलें कि, आईटीआई कॉलेज का निर्माण ना होने के कारण विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इस कार्य के लिए कौशल विभाग द्वारा एडीबी (एशियन डेब्वेलपमेंट बैंक)से करोड़ों का लोन लिया गया है। सभी साइडों का लगभग 118 करोड़ रुपए का ठेका हुआ था। बताया जा रहा है कि, जालसाजो ने भोपाल की निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी जाली एलओआई दी थी। जिसमें एनपीसीसी ने शाहपुरा पुलिस को कार्यवाही के लिए आवेदन सौंपा था, मामले में अभी तक नहीं हुई कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है जिसमें जांच कर एफआईआर करने की बात कही गई है।
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