हाइलाइट्स :
मध्यप्रदेश में हड़तालों और प्रदर्शन का दौर जारी है।
अधिकारी कर्मचारी मोर्चा ने अपनी 24 मांगों को लेकर प्रदेश के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा है।
यदि इनकी मांगे नहीं मानी गई तो चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाया जाएगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश में हड़तालों और प्रदर्शन का दौर जारी है। नर्स ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ अभी हड़ताल पर है। इसके अलावा अब प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा भी अपनी मांगों को लेकर जल्द सड़कों पर उतर सकता है। मंगलवार को अधिकारी कर्मचारी मोर्चा ने अपनी 24 मांगों को लेकर प्रदेश के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा है। इनका कहना है कि, यदि इनकी मांगे नहीं मानी गई तो चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाया जाएगा।
क्या है इनकी मांगें:
कर्मचारी अधिकारी मोर्चा ने अपने ज्ञापन में पुरानी पेंशन, महंगाई भत्ता, वाहन भत्ता, मकान किराया भत्ता, स्थाई कर्मचारीयों को नियमित करने, सातवें वेतनमान के अनुसार लिपिक की ग्रेड पे में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने समेत 24 मांगें की है। इन मांगों के पूरा न होने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाया जा सकता है।
भोपाल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा:
भोपाल में भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें उपस्थित क्लास-3 कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करें। इसके चलते मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम आज सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन दिए गए हैं। ज्ञापन आंदोलन के दौरान भोपाल में अधिकारी कर्मचारी मोर्चा के नेता भुवनेश पटेल, जितेंद्र सिंह, एलएन कैलासिया, एसएस रजक, एसबी सिंह, अशोक पांडे, अरविंद सावनेर, कैलाश सक्सेना, मोहन अय्यर, राजकुमार चंदेल, विजय मिश्रा, अशोक शर्मा उपस्थित थे।
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