भोपाल,(खालिद हफ़ीज़ )। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार वरकड़े की अदालत ने गोद लिए गए एक साल बच्चे की मौत के मामले में मां निशा शर्मा को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 3500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर लोक अभियोजक मीरा चरार ने बताया कि 12 दिसंबर 2017 को बच्चे के पिता रमाकांत शर्मा बच्चे को मृत अवस्था में जयप्रकाश अस्पताल लेकर पहुंचे थे।
उन्होंने बताया था कि जयप्रकाश अस्पताल के डॉक्टर अग्रवाल ने पुलिस थाना गोविंदपुरा को फोन पर सूचित किया था कि एक साल के दुधमुंहे मासूम बच्चे को उसका पिता लेकर आया था जिसे डॉक्टर संदीप गुप्ता द्वारा चेक करने पर मृत पाया । पुलिस थाना गोविंदपुरा ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा-302 और पास्को एक्ट की धारा- 23 के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना की थी। पूछताछ के दौरान आरोपिया निशा शर्मा ने स्वीकार किया था कि बच्चा गिर गया था। आरोपिया द्वारा सही से देखरेख नहीं करने से बच्चा कुपोषित हो गया था। पुलिस थाना गोविंदपुरा ने प्रकरण की विवेचना के दौरान आरोपिया को गिरफतार कर जिला अदालत में पेश कर जेल भेज दिया था।
पुलिस थाना गोविंदपुरा मामले की विवेचना के बाद जिला अदालत में चालान पेश किया था। बच्च गोद लेने के उपरांत आरोपिया निशा शर्मा एवं उनके पति रमाकांत शर्मा बीमार बताते हुए एक बार भी अदालत में उपस्थित नहीं हुए। बच्चे के पिता रमाकांत शर्मा ने मातृछाया उज्जैन मप्र को बच्चे को बीमार बताते हुए उसे वापस करने के लिए पत्र भी लिखा था।
मातृछाया उज्जैन मप्र प्रबंधन ने अदालत में अपने बयान में बताया था कि जब बच्चे को गोद दिया था तब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था। आरोपिया निशा शर्मा एवं उनके पति रमाकांत शर्मा की दो बेटियां हैं। उन्होंने बेटे की चाहत में 13 सितंबर 2017 को बच्चे को 40 हजार रुपए की डोनेशन राशि मातृछाया उज्जैन मप्र में जमा कर न्यायालय के माध्यम से गोद लिया था।
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