भोपाल एम्स में शुरू होगा किडनी ट्रांसप्लांट  RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

Bhopal News: अगले चार महीने में AIIMS में शुरू होगा किडनी ट्रांसप्लांट

Ramgopal Singh Rajput

हाइलाइट्स :

  • एम्स में डेढ़ से दो लाख रुपए में हो जाएगा किडनी ट्रांसप्लांट।

  • लायसेंस मिलते ही तीन से चार महीने में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा ।

  • एम्स के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह का एक साल का कार्यकाल पूरा ।

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अगले तीन से चार महीने में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो जाएगी। किडनी ट्रांसप्लांट शुरू किए जाने के लिए उपकरण खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अलावा ओटी का निर्माण भी हो रहा है। एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट निजी अस्पतालों के मुकावले कम खर्च में हो जाएगा। निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट पर 8 से 10 लाख तक खर्च होते हैं। यहां डेढ़ से दो लाख रुपए में हो जाएगा।

किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने के लिए लायसेंस लेना होता है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह का कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने के लिए लायसेंस के लिए भी आवेदन किया जा चुका है। लायसेंस जारी करने से पहले व्यवस्थाओं को देखने टीम आएगी। इसके बाद लायसेंस मिल जाएगा। लायसेंस मिलते ही तीन से चार महीने में एम्स भोपाल में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा। एम्स डायरेक्टर अपना एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर शनिवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

इस दौरान उन्होंने अपने एक साल के कार्यकाल में एम्स में हुए बदलाव की बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एम्स में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। मरीजों को लाइन में लगने की असुविधा से बचाने के लिए क्यूआर कोड की सुविधा भी शुरू की गई है। इसके लिए 10 कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। किसी मरीज या परिजन को परेशानी होने पर कर्मचारी मदद करते हैं।

सरकार जमीन दे तो शुरू होंगी अन्य सुविधाएं

एम्स डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि उन्होंने सरकार से 100 एकड़ जमीन मांगी है। जमीन की कमी की वजह से कई विभाग नहीं बन पा रहे हैं। अगर सरकार उन्हें टुकड़ों में भी जमीन उपलब्ध कराती है, तो मरीजों के लिए अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाएंगी। इसके लिए सरकार से जमीन की मांग की है।

एम्स के वेलनेस सेंटर में हर महीने 40 मनोरोगी

एम्स डायरेक्टर ने अपने एक साल के कार्यकाल की जानकारी देते हुए बताया कि एम्स में हमने वेलनेस सेंटर खोला है। इस सेंटर में आने वाले मरीजों की जानकारी को गोपनीय रखा जाता है। यहां डॉक्टर भी अपना इलाज करा रहे हैं। वेलनेस सेंटर में हर महीने करीब 40 मनोरोगी आ रहे हैं। अब मरीजों के लिए हेप्पीनेस सेंटर भी खुल गया है। इसमें मरीजों और डॉक्टरों को गंभीर बीमारियों से लडऩे और खुश रहना सिखाया जाएगा।

एम्स में अब ई-आईसीयू

डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि हमने नया प्रयोग करते हुए ई-आईसीयू की सुविधा शुरू की है। इस सुविधा से अभी विदिशा के अस्पताल को जोड़ा है। ई-आईसीयू के जरिए कुछ मरीजों का इलाज भी किया गया। ई-आईसीयू के माध्मय से एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर विदिशा में भर्ती मरीज का यहीं से उपचार करते हैं। एम्स के डॉक्टर भर्ती मरीज को किस इलाज की आवश्यकता है, यह यहीं से बता देते हैं। इससे विदिशा में भर्ती मरीज को गंभीर हालत में रेफर करने की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने बताया कि अगर दूसरे अस्पताल चाहें तो इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

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