भोपाल, मध्यप्रदेश: प्रदेश में कोरोना का संकट जहां व्याप्त है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में कई मुद्दों को लेकर सरकार के फैसलों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है इस माहौल के बीच ही सरकार ने बसों के संचालन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जहां अंतरराज्यीय बस सेवा के संचालन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है वहीं सभी जिलों में सभी बसों का संचालन सामान्य रखा गया है। इसके विपरित सरकार के इस फैसले को मानने से बस संचालकों ने इंकार कर दिया है।
बढ़ते संक्रमण के चलते लगाई रोक
इस संबंध में, प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच बसों के संचालन को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमें आगामी आदेश तक जहां अंतरराज्यीय बस सेवा के संचालन शुरू नहीं हो सकेगा वहीं प्रदेश के सभी जिलों में बस सेवा सामान्य रूप से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। जिस संबंध में गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। जिसके तहत ग्रह विभाग के एसएन मिश्रा ने राजधानी भोपाल समेत सभी जिलों में बसों का संचालन सामान्य रूप से शुरू करने के लिए परिवहन आयुक्त समेत जिला कलेक्टर और पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया है।
सरकार के आदेश पर बस संचालकों का इंकार
इस संबंध में, प्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी करने के बाद बस संचालकों ने विरोध जताया है जिसमें मध्य प्रदेश प्राइम रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा का कहना है कि, जब तक 6 महीने का टैक्स माफ नहीं किया जाता तब तक बसों का संचालन नहीं होगा । इस संबंध में फिलहाल सोमवार को सभी संचालकों की सहमति से अंतिम फैसला लिया जाएगा, इसमें संचालकों का कहना है कि हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं हो जाती हम बस का संचालन नहीं करेंगे।
गृह मंत्री ने लिया था फैसला
इस संबंध में, बसों के संचालन को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल उज्जैन तथा सभी जिलों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 30 जून तक संचालन करने के निर्देश जारी किए थे जिन्हें मानने से बस संचालकों ने इंकार कर दिया था और मांग उठाते हुए विरोध किया था।
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