भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने जहां हर तरफ नकारात्मकता का माहौल बना कर रख दिया है वहीं दूसरी तरफ से आईं सकारात्मक खबर से कोरोना से जंग में हौसले को बल मिला है। राजधानी के 26 वर्षीय असद ने दो बार वेंटिलेटर पर रहने के बाद भी कोरोना को मात दी है जिससे साबित किया है हौसले से हर जंग को जीती जा सकती है।
28 दिन की कोरोना से जंग को जीतकर घर लौटे असद
आपको बताते चलें कि, बुधवारा निवासी असद फर्नीचर कारोबारी हैं। मोहल्ले में लगातार कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 18 जून को परिवार के चार लोगों के सैंपल लिए गए थे। जिनमें से असद की रिपोर्ट पॉजिटव आई थी। जिन्हें शहर के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसमें हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड के प्रभारी डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि असद को हमीदिया अस्पताल में भर्ती करने के दो दिन बाद 25 जून को असद को वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था। करीब पांच दिन चले इलाज के बाद 30 जून को तबियत में सुधार होने के बाद वेंटिलेटर से हटाकर असद को एनआईवी सपोर्ट (नॉन इनवेजिव वेंटिलेटर) पर लिया गया था। साथ ही बताया कि संक्रमण असद के फेफड़ों तक पहुंच गया था, जिसमें ऑक्सीजन सेचुरेशन दोबारा 50 प्रतिशत पर आने पर दोबारा वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। जिसके बाद आठ जुलाई को स्थिति नियंत्रण होने पर वेंटिलेटर से हटाया गया।
डॉक्टरों ने किया देश में पहला मामला होने का दावा
इस संबंध में,डॉ. शर्मा ने दावा करते हुए बताया कि संभवत: यह देश का पहला मामला है जब कोई कोरोना मरीज दो बार वेंटिलेटर पर जाने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हुआ और कोरोना को मात देकर घर लौटा हो। साथ ही असद का इलाज 6 डॉक्टरों की टीम की दिन रात निगरानी में हुआ है।
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