हमीदिया चिकित्सालय में पहली बार त्वचा का दान Raj Express
मध्य प्रदेश

Bhopal News : हमीदिया चिकित्सालय में पहली बार त्वचा का दान

भोपाल, मध्यप्रदेश। अंगदान में लीवर, किडनी, हार्ट, लंग्स, आंत , अग्नाशय, हड्डी, हार्ट वाल्व, त्वचा, कॉर्निया, कार्टिलेज, ब्लड वेसल्स को डोनेट किया जा सकता है।

Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • हमीदिया चिकित्सालय में पहली बार त्वचा का किया गया दान।

  • महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने पति की मृत्यु के बाद कार्निया एवं त्वचा को दान करवाया।

  • अंगदान के लिए भोपाल में तीन हजार से अधिक पंजीयन करवाए।

भोपाल, मध्यप्रदेश। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता संध्या पाल ने अपने पति की असमय मृत्यु उपरांत उनका कार्निया एवं त्वचा अंगदान करवाया है। अयोध्या नगर निवासी-62 वर्षीय सत्यदेव पाल की 3 नवंबर को घर पर ही ह्रदयघात से मृत्यु हुई थी। उस समय उनकी पत्नी संध्या पाल नियमित टीकाकरण करवाने के लिए गई हुई थीं। उनके पति की अचानक तबीयत खराब होने पर उन्हें नजदीकी निजी चिकित्सालय में ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सत्यदेव पाल ने मृत्यु पूर्व अपनी धर्मपत्नी की प्रेरणा से अंगदान कार्यक्रम से जुड़कर अपना पंजीयन करवाया था। पति की मृत्यु के बाद संध्या पाल ने अपने रिश्तेदारों एवं साथी कर्मचारियों के सामने पति के अंगदान की इच्छा व्यक्त की। रिश्तेदारों ने संध्या पाल की इच्छा का सम्मान करते हुए तत्काल इस के लिए सहमति दी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया।

जानकारी मिलने पर सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने हमीदिया चिकित्सालय और ऑर्गन डोनेशन सोसाइटी के डॉ. राकेश भार्गव से संपर्क कर अंगदान की प्रक्रिया पूरी करवाई। हमीदिया चिकित्सालय में परिजनों ने मृतक की कार्निया एवं त्वचा को दान करवाया है। हमीदिया चिकित्सालय में पहली बार किसी व्यक्ति की त्वचा को अंगदान से प्राप्त किया गया है। इस दौरान अर्बन हेल्थ ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद उपाध्याय एवं सुपरवाइजर संजय तिवारी व सौरभ पांडे द्वारा अंगदान की प्रक्रिया में सहायता की गई।

अंगदान के लिए तीन हजार से अधिक पंजीयन

अंगदान के लिए भोपाल में तीन हजार से अधिक पंजीयन करवाए हैं। अंगदान में लीवर, किडनी, हार्ट, लंग्स, आंत , अग्नाशय, हड्डी, हार्ट वाल्व, त्वचा, कॉर्निया, कार्टिलेज, ब्लड वेसल्स को डोनेट किया जा सकता है। चिकित्सकीय उद्देश्य के लिए एवं चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने के बाद अंगदान किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद परिजनों की इच्छा एवं सहमति के अनुरूप अंगदान करवाया जा सकता है। मृत्यु के बाद कई अंगों और उत्तकों को दान किया जा सकता है। यह अंग किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में जीवित बने रहते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT