भोपाल, मधयप्रदेश। हाउसिंग फॉर ऑल के तहत कोहेफिजा में बनने वाला प्रोजेक्ट अटक गया है। नगर निगम यहां बीडीए की भूमि पर प्रोजेक्ट तान रहा था। जबकि पहले से बीडीए ने 5 भूखण्ड अलग-अलग लोगों को आवंटित कर दिए थे। अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। बताया जाता है कि कोर्ट ने भी स्टे दे दिया था। इसके बावजूद निगम ने निर्माण कर दिया। हालांकि निगम का तर्क है कि अभी काम बंद है, लेकिन आवंटितों ने कोर्ट को बताया है कि निगम काम लगातार कर रहा है। यानि सीधे कोर्ट की अवमानना हो रही है।
दरअसल कोहेफिजा में हाउसिंग फॉर ऑल के तहत नगर निगम ने बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी। लेकिन जिस भूमि पर यह इमारत बनाई गई है, वह बीडीए की है। साथ ही इस भूमि के प्लाट पहले से बीडीए ने 5 लोगों को आवंटित कर रखे हैं। हालांकि उन्हें पजेशन नहीं दी गई थी। लेकिन हाल ही में जब उन्हें निर्माण का पता चला तो सीधे कोर्ट पहुंच गए। आवंटियों के वकील सैयद साजिद अली ने बताया कि वर्ष 2018 तक यहां झुग्गियां थीं। इसलिए बीडीए ने झुग्गियां खाली होने तक आवंटियों को रूकने के लिए कहा था। जब झुग्गियां हट गईं तो बीडीए ने कहा कि यहां पहले ड्रेनेज सिस्टम, पाईप लाईन और सड़क बन जाए, फिर पजेशन दी जाएगी। लेकिन इसी बीच नगर निगम ने शासन से मात्र एक एनओसी लेकर यहां हाउसिंग फॉर ऑल के लिए निर्माण शुरू कर दिया।
ऑफर बुलाकर बीडीए ने आवंटित किए थे प्लाट :
बताया जाता है कि कोहेफिजा बीडीए कॉलोनी में बीडीए ने बकायदा निविदा निकालकर भूखण्ड आवंटित किए थे। यह भूखण्ड इकबाल हुसैन, मोहम्मद उमर खान, पवन कुमार, हरिकृष्ण आदि को आंवटित हुए थे। एडवोकेट सैयद साजिद अली ने बताया कि निर्माण के दौरान ही कोर्ट ने स्थगन दे दिया था। इसके बावजूद भी निगम ने यहां निर्माण जारी रखा। जो सीधे न्यायालय की अवमानना है। आवंटियों ने निगम से आरटीआई के माध्यम से जानकारी ली तो उसमें बताया गया कि भूमि का ट्रांसफर नहीं हुआ है। यानि यहां भी निगम ने भूमि बिना अपने हैंडओवर लिए ही निर्माण कर दिया।
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