स्कूल बसों की चेकिंग करते पुलिस अधिकारी Raj Express
मध्य प्रदेश

Bhopal : 762 स्कूल बस व वेन की चैकिंग, 56 के खिलाफ कार्रवाई

भोपाल, मध्यप्रदेश : गुरुवार को करीब 762 स्कूल बस व वेन की चैकिंग की गई और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर 56 स्कूल बस व वेन के खिलाफ कार्यवाही की गई है।

खालिद अनवर

भोपाल, मध्यप्रदेश। बिलाबॉन्ग स्कूल की नर्सरी की छात्रा के साथ रेप के सनसनीखेज मामले के बाद राजधानी पुलिस नींद से जाग गई है। करीब चार साल बाद एक बार फिर शहर की सड़कों पर नियमों का मखौल उड़ा रहे स्कूल वाहनों के खिलाफ चैकिंग अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत गुरुवार को करीब 762 स्कूल बस व वेन की चैकिंग की गई और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर 56 स्कूल बस व वेन के खिलाफ कार्यवाही की गई है।

पुलिस के मुताबिक स्कूली बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के तहत भोपाल पुलिस के चारों जोन तथा यातायात पुलिस ने गुरुवार 15 सितंबर को स्कूल बस व वेन की चैकिंग के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली 56 बस व वेन के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई तथा तीन बसों को जब्त कर न्यायायलीन कार्रवाई के लिए भेजा गया है। चैकिंग अभियान में सभी थानों में दो-दो टीमें बनाई गई हैं, जिसमें महिला अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया था। टीम ने बसों में सीसीटीवी कैमरे, फस्र्ट एड किट, स्पीड गवर्नर, जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम वगैरह चैक किए। साथ ही महिला अधिकारियों ने सुरक्षा के सम्बन्ध में बच्चों व बच्चियों से बातचीत की। यातायात पुलिस ने भी सभी पॉइंट्स पर बस व वेन की चैकिंग की। इस दौरान ड्राइवर, कंडक्टर व केयर टेकर को जरूरी समझाइश देकर यातायात के नियमों का पालन करने के लिए सख्त हिदायत दी गई।

नए सिरे से होगा डॉटा तैयार :

पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया कि स्कूल बसों के ड्राइवर, कंडक्टर अथवा केयर टेकर का नए सिरे से डॉटा तैयार किया जाए। वेरीफिकेशन कर पता लगाया जाएगा कि किसी कर्मचारी का आपराधिक रिकार्ड तो नहीं है। बीते चार-पांच साल से डाटा तैयार नहीं किया गया है। स्कूल बसों की चैकिंग के दौरान पूरा प्रयास रहेगा कि स्कूल के बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार स्कूल वाहनों में होना चाहिए जरूरी संसाधन :

  • बसों के आगे और पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल बस लिखा जाए। यदि बस किराए की है तो उस पर आगे व पीछे विद्यालयीन सेवा स्कूल बस लिखा जाए।

  • विद्यालय अथवा कॉलेज के लिए उपयोग में लाई जाने वाली किसी भी बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठाए जाएं।

  • हर बस में अनिवार्य रूप से फर्स्ट ऐड बॉक्स की व्यवस्था हो।

  • बस की खिड़कियों में आड़ी पट्टियां अनिवार्य रूप से फिट करवाई जाएं।

  • प्रत्येक बस में बाग बुझाने के उपकरण हों।

  • बस पर स्कूल का नाम और टेलिफोन नंबर भी लिखा हो।

  • बच्चों के बस्ते रखने के लिए सीटों के नीचे जगह की व्यवस्था होनी चाहिए।

  • बच्चों को लाते-ले जाते समय एक शिक्षक की व्यवस्था रहे जो बच्चों को एस्कॉर्ट करें।

  • वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का न्यूनतम पांच साल का अनुभव होना चाहिए।

  • यदि कोई ड्राईवर साल में दो बार से अधिक ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन जैसे लाल सिग्नल को जम्प करना, लेन नियम का पालन नहीं करना व अनाधिकृत व्यक्ति से वाहन चलवाने का दोषी पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को ड्रायवर नहीं रखना चाहिए।

  • यदि कोई ड्रायवर साल में एक बार भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन जैसे ओवर स्पीड, नशे में वाहन चलाना या खतरनाक तरीके से वाहन चलाने का दोषी पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को ड्रायवर नहीं रखना चाहिए।

  • स्कूल बसों एवं लोक परिवहन वाहनों में स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता।

  • स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से चालू स्थिति में हों। एक कैमरा आगे और दूसरा कैमरे पीछे की ओर रहना चाहिए।

  • स्कूल बस में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से चालू हालत में लगा हुआ होना चाहिए।

  • स्कूल बस में सफर करने वाले छात्र-छात्राओं की सूची मय नाम, पता व ब्लड ग्रुप तथा बस स्टॉप जहां से छात्र-छात्राओं को पिकअप व ड्रॉप करते हैं, की सूची चालक अपने पास रखेगा।

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