दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों की परीक्षा बनी चुनौती Social Media
मध्य प्रदेश

दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों की परीक्षा कराना मंडल के लिए चुनौती

मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं के शेष प्रश्न पत्रों की परीक्षा का टाइम टेबल तो बना दिया है, लेकिन कई चुनौतियां खड़ी हुई हैं।

राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। कोरोना आपदा के बीच माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं के शेष प्रश्न पत्रों की परीक्षा का टाइम टेबल तो बना दिया है लेकिन बोर्ड के समक्ष कई चुनौतियां मुंह खोल कर खड़ी हो गई हैं। मध्यप्रदेश तो ठीक दूसरे राज्य के लगभग 50 हजार विद्यार्थी भी इस आपदा के बीच अपने घरों की ओर प्रस्थान कर गए हैं। अब ऐसे छात्रों की परीक्षा कराना मंडल के लिए बड़े संकट का कारण बन गया है। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव का कहना है कि बाहरी राज्यों के छात्रों की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसी सप्ताह माध्यमिक शिक्षा मंडल 12वीं के शेष प्रश्न पत्रों की परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए बाकायदा 9 जून से दो पारियों में परीक्षा कराने के लिए टाइम टेबल तैयार हुआ था। अब मंडल के समक्ष दूसरे राज्यों के छात्र चिंता का कारण बन रहे हैं। यह छात्र अपने राज्य से आकर मध्य प्रदेश के स्कूलों में अध्ययन कर रहे थे। हायर सेकेंडरी के शुरुआती विषयों परीक्षा भी इन्होंने यहीं से दी है। लोक डॉन के चलते अब यह छात्र अपने घरों की ओर लौट गए हैं। जानकारी है कि करीब 50000 ऐसे छात्र हैं जो बाहरी प्रदेशों से आकर मध्य प्रदेश के स्कूलों में 12वीं की पढ़ाई कर रहे थे। 1 मार्च से शुरू हुई हायर सेकंडरी की परीक्षा भी विद्यार्थियों ने यहीं से दी थी। लेकिन 9 जून से प्रारंभ होने वाली इम्तिहान में इन छात्रों का बैठना मुश्किल लग रहा है।

दूसरे राज्य का पाठ्यक्रम मध्य प्रदेश से अलग

मंडल ने मध्य प्रदेश के लिए तो नियम बनाया है कि जो छात्र जहां होगा वहीं परीक्षा दे सकता है। इसके लिए उसे ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें भी तकनीकी अड़चन यह है कि राज्य में खासकर ग्रामीण अंचलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इसलिए वहां पर ऑनलाइन आवेदन करना मुश्किल है। अब यदि अन्य राज्यों की बात करें तो वहां का पाठ्यक्रम मध्य प्रदेश से अलग हटकर है। उत्तर प्रदेश गुजरात राजस्थान बिहार महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के विद्यार्थी मध्य प्रदेश के शासकीय और प्राइवेट स्कूलों में अध्ययन कर रहे थे। ऐसे अधिकांश छात्र मौजूदा समय में अपने पुश्तैनी घरों पर है। ऐसे हालातों में मंडल के समक्ष समस्या यह है कि इन छात्रों को मध्य प्रदेश कैसे बुलाया जाए। छात्र जहां है यदि वहां पर परीक्षा कराई जाती है तो दूसरे राज्यों का पाठ्यक्रम आड़े आ रहा है। इस संदर्भ में मंडल के जवाबदार अधिकारी बात करने से बचते रहे। मंडल सचिव एवं अतिरिक्त सचिव को फोन लगाया गया। इनमें से किसी ने भी मोबाइल रिसीव नहीं किया।

हम दूसरे राज्यों के छात्रों की जानकारी जुटा रहे हैं: रश्मि अरुण शमी

इस संदर्भ में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी का कहना है कि बाहरी राज्यों के कितने छात्र हायर सेकेंडरी में मध्य प्रदेश के स्कूलों से अध्ययन कर रहे थे। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। हमारी कोशिश यही है कि कोई भी बच्चा परीक्षा से वंचित ना हो। विभाग का समुचित प्रयास है कि प्रत्येक विद्यार्थी को उसके साल भर की मेहनत का बेहतर परिणाम मिले।

साथ ही उन्होंने कहा है कि इस दिशा में माध्यमिक शिक्षा मंडल तेजी से काम कर रहा है।विभाग प्रमुख सचिव का कहना है कि हमारा प्रयास विद्यार्थियों का उज्जवल भविष्य बनाने का है। जहां तक मध्यप्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में पहुंचे छात्रों का है। तो उनकी समस्या समाधान के लिए भी बोर्ड मंथन कर रहा है।

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