भोपाल, मध्यप्रदेश। नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा में रजिस्टर्ड ऑर्किटेक्ट राजधानी की अवैध कॉलोनियों में परमिशन जारी नहीं कर सकेंगे। जो ऑर्किटेक्ट अब तक परमिशन जारी कर चुके हैं, उन्हें भी निगम ने निरस्त कर दिया है। अब निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा के पास ही परमिशन जारी करने का अधिकार होगा। अगर किसी ऑर्किटेक्ट ने अवैध कॉलोनियों में परमिशन जारी की तो निगम उसका लायसेंस निरस्त कर देगा।
दरअसल नई गाईडलाईन के मुताबिक नगर निगम ने 1998 में अस्तित्व में 209 कॉलोनियों में से शेष 103 अवैध कॉलोनियों में बिल्डिंग परमिशन जारी करने का रास्ता खोल दिया है। इसके लिए विकास शुल्क की नई दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं। बिल्डिंग परमिशन शाखा के मुताबिक शहर की अवैध कॉलोनियों के प्लाट मालिक बिल्डिंग परमिशन के लिए अपनी रजिस्ट्री के साथ जोन कार्यालय से मिली विकास शुल्क की रसीद, एनओसी और डिजाईन को ऑर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाईन जमा कर सकते हैं। तय समय में निगम जांच-पड़ताल कर परमिशन जारी करेगा।
डेवलपमेंट चार्ज 18 रूपए वर्गफिट होगा तय :
गौरतलब है कि बीते साल 31 जनवरी 2022 को तत्कालीन संभागायुक्त एवं नगर निगम प्रशासक ने संकल्प पारित किया था। जिसके मुताबिक वर्ष 1998 में अस्तित्व में आईं 209 अवैध कॉलोनियों में बिल्डिंग परमिशन जारी होगी। फिर 22 जुलाई 2022 को दूसरा संकल्प पारित हुआ और तय किया गया कि शेष 103 अवैध कालोनियों में विकास शुल्क 18 रूपए प्रति वर्गफिट के हिसाब से लेकर बिल्डिंग परमिशन जारी की जाएगी।
हजारों परिवार को होगा फायदा :
अवैध कॉलोनियों में बिल्डिंग परमिशन का रास्ता खुलने से हजारों परिवार को फायदा होगा। खासकर करोंद इलाके सहित कोलार, अशोका गार्डन, लालघाटी आदि इलाकों में ऐसी दर्जनों अवैध कॉलोनियां हैं, जहां रहवासी लंबे समय से परमिशन खुलने का रास्ता देख रहे थे।
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