भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी के गैसपीड़ितों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर अगले सप्ताह मंगलवार को होने वाली सुनवाई को लेकर गैस राहत विभाग ने अब तक सही आंकड़े तैयार नहीं किए हैं। शनिवार को गैसपीड़ित संगठनों के पदाधिकारीयों और गैस राहत विभाग के उपसचिव के. के दुबे के बीच हुई चर्चा के बाद संगठनों ने यह आरोप लगाया है। इससे पहले शनिवार को सैकड़ों गैस पीड़ित महिलाएं गैस राहत मंत्री के बंगले पहुंच गईं, क्योंकि मंत्री ने 31 दिसंबर को नीलम पार्क में चल रहा 10 महिलाओं का निर्जला अनशन तुड़वाया था और आश्वासन दिया था कि 4 जनवरी को वो संगठनों के साथ बैठेंगे और 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली पेशी में गैस पीड़ितों की मौतों और बीमारियों के सही आंकड़े पहुचांएगें। लेकिन गैसपीड़ित संगठनों का कहना है कि लगातार संपर्क की कोशिश करने के बाद भी गैस पीड़ितों की मंत्री श्री सारंग से चर्चा नहीं हो पाई। इसलिए गैस पीड़ित उनके बंगले पर पहुंचे।
उप सचिव से चर्चा में खुलासा कोई तैयारी नहीं :
जिसके बाद गैस राहत मंत्री के कहने पर के.के दुबे, उप सचिव गैस राहत से संगठनों के पदाधिकारियों की बात हुई। भोपाल गु्रफ फॉर इंफार्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा का कहना है कि इस बैठक में ये बिल्कुल साफ था कि गैस राहत विभाग की इस अहम मामले में कोई तैयारी नहीं है। रचना का कहना है कि सरकार ने तो अपने वकीलों को भी अब तक ब्रीफ नहीं किया है और उनकी 10 जनवरी की कोई तैयारी नही है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा गैस पीड़ित संगठनों द्वारा गैस पीड़ितो के मौतों और बीमारियों के आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखे है। गैसपीड़ित संगठनों का आरोप है कि सरकार की इस टालमटोल से आरोपी कंपनी को फायदा मिलेगा और गैसपीड़ित न्याय से वंचित हो जाएंगे।
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