भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में एक कॉल पर आम लोगों तक तुरंत पहुंचने वाली 'डायल-100' सेवा के दूसरे चरण में वाहनों की संख्या लगभग दोगुनी करने के साथ ही अनेक अत्याधुनिक सुविधाओं का इजाफा करने का निर्णय लिया गया, जिसमें मुख्य रूप से 'कॉलर' (मदद चाहने वाले व्यक्ति) की निजता बनाए रखना भी शामिल है।
राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने आज यहां बताया कि डॉयल 100 सेवा का दूसरा चरण 2021 से 2027 तक निर्धारित किया गया है। इस दौरान 'फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल' (एफआरवी) वाहनों की संख्या 1000 से बढ़ाकर 1200 की गयी है और यह चरण पूरा होने तक वाहनों की संख्या 2000 की जाएगी।
उन्होंंने कहा कि इस चरण में यह प्रावधान भी किया गया है कि कॉलर की निजता बनी रहे। इसके लिए कॉल मास्किंग सुविधा प्रारंभ की जा रही है। इसके तहत कॉलर द्वारा कॉल किए जाने पर मोबाइल फोन परिलक्षित हुए बगैर वह एफआरवी से संपर्क कर सकेगा। इसके अलावा कॉलर और एफआरवी के बीच हुयी बातचीत की रिकार्डिंग की सुविधा भी रहेगी। इस सुविधा में एफआरवी स्टाफ के पास कॉलर का नंबर नहीं जाएगा, बल्कि एक वर्चुअल नंबर जाएगा, जिस पर संबंधित कार्रवाई जारी रहने तक कॉलर और एफआरवी स्टाफ के बीच संपर्क रहेगा।
डॉ. राजौरा ने बताया कि डॉयल 100 सेवा का वर्तमान डॉटा सेंटर, स्टेट डॉटा सेंटर में शिफ्ट करने का प्रावधान किया जा रहा है। अब सभी एफआरवी वाहनों में डेशबोर्ड कैमरे एवं इन वाहनों के स्टाफ के लिए बॉडी वार्न कैमरा का प्रावधान रहेगा। इन कैमरों का लाइव फीड कंट्रोल रूम से लाइव देखा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में वॉइस कॉल के अतिरिक्त एसएमएस और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की मदद से भी एफआरवी सुविधा मुहैया कराने का प्रावधान है। आम नागरिकों के लिए आपात सेवाएं जैसे पुलिस, फायर, एंबूलेंस के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन सुविधा रहेगी। पुलिस अधिकारियों की सतत निगरानी के लिए अलग से मोबाइल एप का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा हाइवे और शहरों में डयूटीरत वाहनों के लिए स्ट्रेचर का प्रावधान रहेगा, जिससे सड़क दुर्घटना में मदद की स्थिति में घायल व्यक्ति को तत्काल मदद पहुंचायी जा सके और उसे अस्पताल पहुंचाया जा सके। राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम में कॉलटेकर सीट संख्या 80 प्रति शिफ्ट से बढ़ाकर 100 प्रति शिफ्ट करने का प्रावधान भी इसमें है। साथ ही ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम मैप का उन्नयन किया जाएगा, जिससे कॉलर की लोकेशन और बेहतर तरीके से जानी जा सके।
डॉयल 100 सेवा राज्य में कई वर्षों से लागू है। इसके तहत आपात स्थिति में कोई भी नागरिक फोन या मोबाइल फोन से 100 डॉयल कर एफआरवी की सुविधा हासिल कर सकता है। कुछ ही मिनटों में मदद चाहने वाले व्यक्ति के पास एफआरवी स्टाफ वाहन के साथ उपस्थित हो जाता है।
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