भोपाल, मध्यप्रदेश। वैश्विक महामारी कोरोना का संकट जहां हावी है तो वहीं दूसरी तरफ संकट के दौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में राजधानी के कोलार में तीन आरोपी पकड़ाए हैं और साथ ही पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों तक भी पहुंचा था मामला
मिली जानकारी के अनुसार, रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में आकर्ष सक्सेना को लेकर बड़ी खबर मिली है जहां मेडिकल संचालक आकर्ष सक्सेना को क्राइम ब्रांच ने 5 दिन पहले गिरफ्तार किया था। जिस मामले में क्राइम ब्रांच ने ढाई लाख लेकर सभी आरोपियों को छोड़ दिया था। बताते चलें कि, जेके अस्पताल के कर्मचारी आकाश दुबे से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर आकर्ष सक्सेना ब्लैक में बेच रहा था। मामले में कोलार थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है और जेके हॉस्पिटल का कर्मचारी फरार है।
नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए थे प्रेमी-प्रेमिका
इस संबंध में बताते चलें कि, इससे पहले जेके हॉस्पिटल के नर्स स्टाफ प्रेमी-प्रेमिका नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए थे। जहां प्रेमिका अभी भी है फरार है जो मरीजों को ग्लूकोज का इंजेक्शन लगाकर असली इंजेक्शन पास रख लेती थी। बता दें कि, इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों में भोपाल के दो बड़े व्यवसाई, दोनों चचेरे भाई शामिल है। जिसमें इंदौर सीट कवर वाला दिलप्रीत उर्फ नानू औऱ अंकित सलूजा औऱ मेडिकल संचालक दोस्त आकर्ष उर्फ लवइट पकड़ाए हैं।
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