Congress Leader Vivek Tripathi Lodged Objection on Bhopal Master Plan भोपाल। सरकार ने राजधानी भोपाल के मास्टर प्लान का ड्रॉफ्ट जारी किया है। बता दें कि, 2005 में राजधानी भोपाल के मास्टर प्लान की वैधता समाप्त हो गई थी। भोपाल का मास्टर प्लान-2031 का ड्रॉफ्ट सरकार ने जारी किया हैं। जिसमें सरकार ने आपत्तियां बुलवाईं गई हैं। जिसमें भोपाल अरेरा कॉलोनी निवासी युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने 6 बिंदुओ पर आपत्तियां दर्ज करवाकर चर्चा कर सुझाव दिए।
विवेक त्रिपाठी ने प्रथम बिंदु में आपत्ती दर्ज करवाते हुए कहा कि RG-3 इलाके के सेक्शन 4.1.2 में है जो कहता है की भूखण्ड / भवन जो भोपाल विकास योजना 2005 एवं प्रचलित म.प्र. भूमि विकास नियम के तहत निर्मित है, वह यथावत माने जायेंगे।
अरेरा कालोनी, चार इमली एवं श्यामल हिल्स इलाके 1970 से ही रहवासिया है, मास्टर प्लान 1991 एवं 2005 में समकक्ष थे और 2031 में भी रहवासीय है। उनमे अवैध निर्माण, अवैध भूमि उपयोग, और भवन अनुमतियों के विपरीत निर्मित निर्माणों को हटाने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, जिससे रहवासियों के जीवन की गुणवत्ता एवं पर्यावरण को खराब कर रहे है, जो की मास्टर प्लान के उद्देश्य के खिलाफ है।
पार्किंग संकट, बढ़ते ट्रैफिक जाम और जल निकासी एवं सीवेज सिस्टम को क्षति, शांति भंग।
चार इमली में 1 छोटा मार्केट वैसा 1 छोटा वैध मार्केट 10 नंबर अरेरा कालोनी में है मल्टीलेवल पार्किंग फूल मार्केट।
प्रमुख सचिव एवं शहरी कमिश्नर के निर्देशों के बावजूद नगर निगम अवैध निर्माण को रोकने में असक्षम है। FIRE 10 no.
रहवासी गतिविधियों के अलावा अन्य गतिविधि करने वालों पर सरकार ने ब्रीच के कैस बनाए थे। रहवासियों के हितों का हनन होने पर अब अरेरा कॉलोनी के रहवासियों को क्या सरकार के विरुद्ध ब्रीच का केस लगाना चाहिए।
रहवासी बिल्डिंग अनुमति लेकर कमर्शियल बिल्डिंग बनाते जा रहे जैसे - Molecule Bar है।
त्रिपाठी ने प्रथम बिंदु में आपत्तियां दर्ज करवाकर उनके सुझाव में कहा कि मास्टर प्लान में "अवैध व्यावसायिक निर्माणों को हटाने" की कार्रवाई शामिल की जानी चाहिए। विवेक ने द्वितीय बिंदु में आपत्ती दर्ज करवाते हुए कहा कि, RG3 के Section 4.2 में है, जो कहता है अरेरा कॉलोनी ई-1 से ई-5 के परिधीय सड़क के दोनों ओर स्थित भूखंडों पर मिश्रित उपयोग गतिविधियों की भी अनुमति नहीं दी जाएगी। यह " अरेरा कॉलोनी ई-1 से ई-5 की परिधीय सड़क" को स्पष्ट नहीं करता है।
अस्पष्टता के आभाव में अवैध निर्माण हो सकते है एक तरफ अवैध कालोनी वैध हो रही और हमारी वैध कालोनियों में अवैध निर्माण निरंकुश बढ़ रहे है, 4.2 में सुझाव सुझाव देते हुए कहा कि परिधीय शब्द को हटाया जाए। त्रिपाठी ने तृतीय बिन्दु में आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा कि TOD (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) मेट्रो क्षेत्र के section 6.1.1 जो LAP (लोकल एरिया प्लान) पर है हमे दिल्ली से सबक लेना चाहिए जहा मास्टर प्लान 2031 आने के 20 साल तक LAP ही नहीं बन पाया और TOD में अनियोजित विकास हुआ त्रिपाठी ने तृतीय बिन्दु के सुझाव देते हुए कहा कि, LAP समय सीमा में बने और उसके बाद ही TOD क्षेत्र में नए निर्माण हो।
विवेक ने चौथे बिंदु में आपत्ती दर्ज करवाते हुए कहा कि नेबरहुड पार्क एवं खेल मैदान को लेकर है जो कि टेबल 3.1 के बिंदु 120 एवं 124 में नेबरहुड पार्क एवं खेल मैदान को रखा गया है, लेकिन इन्हे सेक्शन 13.2 एवं 13.3 के G1 नगर उधान एवं G2 खुले मैदान में नहीं रखा गया है जिसमें सुझाव देते हुए कहा कि सेक्शन 13.2 एवं 13.3 में G1 नगर उधान एवं G2 खुले मैदान में रखा जाए और नगर निगम यहाँ कोई निर्माण ना करें इसे शामिल किया जाए।
त्रिपाठी ने पांचवें बिन्दु में section 13.8 के नगर वन और नगर वनीकरण G5 पर है पर आपत्ती दर्ज करवाते हुए कहा कि CPA द्वारा 1970 से ही अरेरा हिल्स, अरेरा कालोनी, चार इमली, लिंक रोड़ 1, 2, 3 इत्यादि इलाके में लाखों घने वृक्ष लगाए गए थे जो G5 में नहीं रखे गए है। नगर वनीकरण में सुझाव देते हुए कहा गया कि CPA पौधारोपण का अधिकार CPA के फोरेस्ट विभाग का था अब CPA का मर्ज अब पीडब्ल्यूडी एवं वन में हुआ है तो CPA पौधारोपण का अधिकार वन को ट्रांसफर कर दिया जाए ताकि CPA पौधारोपण क्षेत्र बचा रहे। NGT की हाल ही की सुनवाई में यह भी एक पहलू था और यह अवैध निर्माण हटाकर इन्हे रिस्टोर करने की सुनवाई चल रही है।
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