Bhojshala ASI सर्वे Raj Express
मध्य प्रदेश

Bhojshala : सुप्रीम कोर्ट ने की मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, जारी रहेगा भोजशाला में ASI सर्वे

Bhojshala : पिछले दिनों मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने भोजशाला में ज्ञानवापी की तरह ASI सर्वे करने और तय समय सीमा में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • Bhojshala Case में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली मुस्लिम पक्षकारों को राहत।

  • भोजशाला का धार्मिक कैरेक्टर डिसाइड करने के लिए किया जा रहा सर्वे।

Bhojshala : मध्यप्रदेश। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के धार के विवादित स्थल भोजशाला (Bhojshala) और कमल मौला मस्जिद में एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके बाद अब भोजशाला (Bhojshala) में ASI सर्वे जारी रहेगा। पिछले दिनों मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने भोजशाला में ज्ञानवापी की तरह ASI सर्वे करने और तय समय सीमा में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल "भोजशाला (Bhojshala) और कमल मौला मस्जिद" में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निर्देश में कहा है कि, सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवादित स्थलों पर कोई भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए जिससे इसका स्वरूप बदल जाए।

मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला मामले पर वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि, "सुप्रीम कोर्ट ने भोजशाला में एएसआई सर्वे रोकने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस दिया है। हम अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। 4 हफ्ते में ASI सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा।"

हिन्दू धर्म को मानने वालों के लिए भोजशाला वाग्देवी का मंदिर है वहीं मुस्लिम पक्ष के लिए यह कमल मौला मस्जिद है। भोजशाला का धार्मिक करैक्टर तय करने के लिए यह वैज्ञानिक सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कर रही ASI की 15 सदस्यीय टीम भोजशाला में सर्वे कर रही हैं। सोमवार को इस सर्वे का ग्याहरवां दिन है।

हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार एएसआई सर्वे में GPRऔर GPS तकनीक का उपयोग हो रहा है। सर्वे टीम में पांच एक्सपर्ट शामिल हैं। जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) यह तकनीक जमीन के भीतर का पता लगाती है, जबकि जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) तकनीक बिल्डिंग की उम्र का पता लगाएगी।

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