बैतूल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में महामारी कोरोना का प्रकोप जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं संक्रमण के बीच कई अप्रत्याशित घटनाएं सामने आती जा रही हैं, इस बीच ही घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के भंडारपानी गांव की खबर सामने आईं है जहां प्रसूता को समय पर एंबुलेंस की व्यवस्था ना मिलने पर अस्पताल ले जाते वक़्त प्रसूता की मौत हो गई। फिलहाल इस मामले पर जांच की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक से लगे 1800 फीट ऊंची पहाड़ी पर बसे गांव भंडारपानी का है। जहां जग्गोबाई पति इंदर (28) की डिलीवरी तीन दिन पहले गांव में हुई थी। जहां उसने बेटी को जन्म दिया। डिलीवरी होने के बाद 9 सितंबर को दर्द हाे रहा था। इस पर गांव के लाेगाें ने लकड़ी पर कपड़े की झोली बनाकर उसे कंधों पर 1800 फीट नीचे इमलीखेड़ा (सड़क तक) ले आए। जहां परिजनों ने एंबुलेंस को फोन किया तो जवाब मिला ढाई घंटे में आएगी। इसके बाद सरपंच और कुछ लोगों ने प्राइवेट वाहन की व्यवस्था की और घोड़ाडोंगरी अस्पताल के लिए महिला व परिजनों को रवाना किया, लेकिन रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। अब सवाल यह उठता है कि, इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है।
सीएचएमओ धाकड़ का आया जवाब
इस संबंध में, डॉ. प्रदीप धाकड़, सीएचएमओ का कहना है कि, भंडारपानी मे महिला के माैत की जानकारी मेरी जानकारी में नहीं है। जानकारी लेता हूं। कोरोना में एंबुलेंस की ड्यूटी लगी होगी इसलिए नहीं पहुंच पाई। वहीं इस पर 108 एंबुलेंस के प्रबंधक का कहना है कि, जिस नंबर से कॉलिंग हुई होगी, उसे ट्रेस कराया जाएगा। एंबुलेंस नहीं मिल पाने के क्या कारण रहे हैं, इसे चेक कराता हूं। कोई लापरवाही नहीं हुई है।
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