सैकड़ों हितग्राहियों को नहीं मिली सामाजिक सुरक्षा पेंशन Social Media
मध्य प्रदेश

सैकड़ों हितग्राहियों को नहीं मिली सामाजिक सुरक्षा पेंशन

सिरोंज : सैकड़ों हितग्राहियों को नहीं मिली सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बुजुर्ग बोले- कैसे मनाएंगे दीपावली का त्यौहार

Pramod Raghuvanshi

राज एक्सप्रेस। दीपावली का त्यौहार नजदीक है, लेकिन तहसील के सैकड़ों हितग्राहियों को अब तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिली है। जिससे उन्हें परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

यह पेंशन महीने की 1 से10 तारीख के बीच मिलती है, लेकिन 18 तारीख निकलने के बाद भी अब तक पेंशन खातों में नहीं डाली गई है। जिससे हितग्राही रोजाना बैंकों एवं नगरीय निकायों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अधिकारी पोर्टल में खराबी की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। सिरोंज विकासखंड के अंतर्गत हितग्राही पेंशन के लिए परेशान हैं। सामाजिक सुरक्षा के तहत राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, राष्ट्रीय निशक्त पेंशन योजना एवं राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना मे पेंशन राशि बढ़ाकर 600 रुपए प्रतिमाह कर दी गई है।

600 रुपए है-मासिक पेंशन :

समग्र सामाजिक पेंशन सुरक्षा योजना में वृद्ध, दिव्यांग परित्यक्ताओं, कल्याणियों, अविवाहित महिलाओं, कन्या अभिभावकों और वृद्धाश्रम वासियों की पेंशन राशि भी बढ़ाकर 600 रुपए प्रतिमाह की गई है। 6 वर्ष से अधिक आयु के बहु विकलांग, लोगों को पात्रतानुसार इतनी ही राशि प्रदान की जाती है, लेकिन इस बार हितग्राही पेंशन न मिलने से परेशान हैं।

कियोस्क संचालक करते हैं परेशान :

सरकार की इतनी महत्वपूर्ण योजना कियोस्क संचालकों की मनमर्जी के सामने बेबस नजर आती है क्योंकि कियोस्क संचालक हर पेंशन धारी से 1 महीने की पेंशन निकालने के बदले 10 से 20 रुपए लेते हैं और अगर हितग्राही इतनी राशि नहीं दे दे पाते हैं तो फिंगर ना आने का बहाना करके हितग्राही को भगा दिया जाता है और सरकार के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी ऑफिस में बैठकर आवेदन आने का इंतजार करते हैं। पामाखेड़ी निवासी वृद्ध महिला सुंदर बाई ने बताया कि जब वह कियोस्क संचालक के पास जाती है तो पैसे मांगता है और यदि पैसे हम नहीं देते तो फिंगर ना आने का बहाना बनाकर भगा देता है। ऐसे कई मामले रोज देखने को मिलते हैं इसके बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार चुपचाप तमाशा देख रहे हैं।

चुनावों में आता है ध्यान :

समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी अनेकों योजनाएं नेताओं को सिर्फ चुनाव में ही याद रहती हैं। सब कुछ होने के बाद भी जनप्रतिनिधियों का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं रहता चुनाव के समय तो बुजुर्गों को सिर पर उठाए फिरते चुनाव समाप्त होते ही नजरअंदाज कर देते हैं। बगरोदा निवासी का कहना है चुनाव के समय तो एक से बड़े एक नेता दरवाजों पर माताजी- माताजी कहकर खुद ही गाड़ियों पर बैठाकर पेंशन दिला लाते हैं जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं नेताजी मुड़कर वापस 5 साल नहीं देखते।

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