इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने बिजली उपभोक्ताओं से भुगतान को लेकर सावधानी रखने की अपील की है। कंपनी ने कहा कि बिजली कंपनी कभी भी मोबाइल नंबर से एसएमएस नहीं भेजती, कंपनी अपने गेट वे से ही मैसेज भेजती है, जिसमें स्पष्ट रूप से एमपीएईबी या एमपीपीकेवीवीसीएल लिखा आता है। साथ ही कंपनी के किसी भी मैसेज में कोई मोबाइल नंबर नहीं भेजा जाता है, जिस पर भुगतान को लेकर बात करने या मोबाइल नंबर पर सीधे राशि भेजनी की मांग की जाती है।
बिजली अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र के कुछ इलाकों में उपभोक्ताओं को बिजली बिल का भुगतान करने संबंधी एसएमएस रात में आ रहे हैं, जिस पर प्राइवेट मोबाइल नंबरों पर भुगतान करने को कहा जा रहा है। कुछ उपभोक्ताओं के साथ ऐसी ठगी भी हो चुकी है। इसलिए कंपनी ने स्पष्ट किया है कि बिजली बिल भुगतान कंपनी के जोन, वितरण केंद्रों, कंपनी के कर्मचारी के डोर टू डोर एप के साथ ही एमपी आन लाइन, पेटीएम, फोन पे, गुगल पे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऊर्जस एप के माध्यम से किया जा सकता है। प्रत्येक अधिकृत भुगतान माध्यम से कोई न कोई संस्था जुड़ी होती है, कोई विशेष व्यक्ति या मोबाइल नंबर उल्लेखित नहीं होता है।
पुलिस को भी दी सूचना :
कंपनी प्रबंधन के अनुसार वर्तमान में जो एसएमएस कर रात 9:30 पर बिजली बंद करने या मोबाइल नंबर पर बात करने, भुगतान करने का कहा जा रहा है, वह पूरी तरह फर्जी और धोखाधड़ी करने वाला है। इसकी सूचना बिजली कंपनी की ओर से पुलिस को भी दी गई है। बिजली उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि वे ऐसे एसएमएस को पूरी तरह नजरंदाज करे। उपभोक्ता अपने बिजली बिलों का भुगतान कंपनी के जोन, वितरण केंद्रों, एमपी ऑन लाइन, पेटीएम, फोन पे, गुगल पे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऊर्जस एप आदि माध्यम से ही करें।
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