हाइकोर्ट ने कहा जारी रहेगी नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक RE-Gwalior
मध्य प्रदेश

हाइकोर्ट ने कहा, जारी रहेगी नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक, CBI ने 271 कॉलेजों में से 140 की रिपोर्ट सबमिट की

Nursing Exam: हाइकोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि साख बेहतर करने के साथ ही अगली सुनवाई में फेयर मैनर के साथ आएं। केस की अगली सुनवाई अब 3 अगस्त को होगी।

Dharmendra Trivedi

हाइलाइट्स:

  • 50 प्रतिशत कॉलेज डिस्क्वालिफाय की श्रेणी में

  • सैलरी, किराया एग्रीमेंट, शिक्षकों को हो रहे भुगतान का मोड और प्राचार्य एवं

    शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी मांगी जानकारी

  • नर्सिंग कॉलेज संबधित तीन मामलों मेें की सुनवाई

Ban On Nursing Exams Will Continue In MP : ग्वालियर। प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक बरकरार रहेगी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (highCourt) की ग्वालियर खंडपीठ ने गुरुवार को हुई सुनवाई में यह साफ कर दिया है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 271 कॉलेजों में से 140 की रिपोर्ट न्यायालय में सबमिट की है। सीबीआई रिपोर्ट (CBI Report) में 140 कॉलेज में से 50 फीसदी डिफिशिएंसी के साथ संचालित पाए गए। जबकि 50 फीसदी सुइटेबल पाए गए कॉलेजो को लेकर इंडियन नर्सिंग काउंसिल (Indian Nursing Council) को निर्देश दिए हैं कि आईएनसी (INC) अपना डाटा सीबीआई के डाटा से मिलान कर कोर्ट में पेश करें । सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि साख बेहतर करने के साथ ही अगली सुनवाई में फेयर मैनर के साथ आएं। केस की अगली सुनवाई अब 3 अगस्त को होगी।

याचिकाकर्ता एडवोकेट दिलीप कुमार शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति के हिसाब से 50 प्रतिशत कॉलेज डिस्क्वालिफाय हैं, फ्रॉड हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि कॉलेजों ने प्राचार्य और शिक्षकों की नियुक्ति कब की है, बिल्डिंग कब किराए पर ली, शिक्षकों का वेतन भुगतान चैक या कैश किस तरह से कर रहे हैं। शिक्षकों को वास्तविक भुगतान कितना किया जा रहा है और लिखा कितना जा रहा है। कैश भुगतान अनियमितता है, फ्रॉडेड लूपहोल्स हैं। हम सभी की सेलरी ऑनलाइन एकाउंट में आती है, फिर ये कैश कैसे दे रहे हैं। यह भी देखा जाए। मेडिकल यूनवर्सिटी को लेकर डीबी ने कहा कि यूनिवर्सिटी की हालत दिया तले अंधेरा जैसी बन गई है।

मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी तो कानून से भी ऊपर है, इनके कार्यकलापों का कोई अंत ही नहीं है। तल्ख टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में जो चल रहा है वह सब आपका ही करा धरा है।आप लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हो। मेडिकल यूनिवर्सिटी क्यों खोली गई है, क्या मेडिकल कॉलेज ठीक नहीं चल रहे या कॉलेजों को बदनाम करने के लिए यूनिवर्सिटी को खोल दिया गया है। अच्छे खासे मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेज चल रहे थे, उनका अच्छा नाम था आपकी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी खुलते ही सब खराब कर दिया है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी। इस दौरान कॉलेजों में वर्ष 2019-20 और 2020-21 सत्र में प्रवेश लेने वाले बीएससी नर्सिंग, बीएससी पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं की परीक्षा वर्ष 2023 में कराई जा रही थी।

यह दिए हाईकोर्ट ने निर्देश

  • कॉलेजों में नियुक्त किए गए स्टाफ की नियुक्ति संबंधित पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाए।

  • सीबीआई अपनी आगामी रिपोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों के प्रिंसिपल और टीचर्स की नियुक्ति और वेतन भुगतान की जानकारी भी पेश करे।

  • यदि कॉलेज किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं तो कब से चल रहे हैं।

  • यदि इन कॉलेजों में स्टाफ को सैलरी और बिल्डिंग किराया का भुगतान नगद किया जा रहा है तो यह भी एक बड़ा फ्रॉड सामने आ सकता है।

स्टेक होल्डर्स से मांगे सुझाव

कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए हैं कि भर्ती प्रक्रिया, बिल्डिंग आदि को लेकर डिटेल रिपोर्ट पेश करे। इसके साथ ही जो कॉलेज सही तरीके से संचालित हो रहे हैं, उनमें शिक्षण सत्र को फिर से कैसे शुरू किया जा सकता है इस पर हाईकोर्ट ने सभी स्टेक होल्डर्स से सजेशन मांगा है।

सिलसिलेवार समझें याचिका  

  • प्रदेश केे 375 कॉलेजों के 1.25 लाख नर्सिंग छात्रों की परीक्षाएं बीते तीन वर्ष से नहीं हो रही हैं। 

  • नर्सिंग कॉलेजों पर फर्जीवाड़े का आरोप है। 

  • मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेज एक कमरे, दो कमरे या फिर कागजों में ही चल रहे थे। 

  • जिन छात्रों ने वर्ष 2020-21 मेें प्रवेश लिया वे अब तक प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं दे पाए हैं। 

  • मेडिकल यूनिवर्सिटी ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कॉलेजों को संबद्धता दी। 

  • संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच छात्रों का नामांकन किया गया। 

  • 28 फरवरी 2023 को परीक्षाओं की तिथि घोषित कर दी गई 

  • यूनिवर्सिटी द्वारा परीक्षाएं सत्र 2019-20 व 2020-21 की कराई जा रही थीं। 

  • चार वर्ष पूर्व प्रवेश लेने वाले छात्रों की परीक्षा कराने के लिए बैक डेट में संबद्धता दी गई। 

हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश 

  • विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं किए गए हैं। इन सब बिंदुओं पर लगी याचिका दायर होने के बाद कोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगाई गई है। 

  • परीक्षा पर रोक को सरकार हटवाना चाहती है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। 

  • सीबीआई की जांच रिपोर्ट को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर दिया गया। 

  • 2022-23 तक प्रदेश में 723 नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। 

  • हाई कोर्ट में 485 कॉलेजों का रिकार्ड दिया गया है।

  • विवाद सत्र 2019-20 व 2020-21 की परीक्षा पर है।

  • कॉलेज ने प्रवेश पहले दिए और मान्यता संबद्धता 2022 में मिली है।

  • अब यह चिन्हित किया जाना है कि कितने फर्जी कॉलेज और फेक छात्र हैं।

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