भोपाल, मध्य प्रदेश। निजी आयुर्वेद कॉलेज शिक्षण संघ ने आयुर्वेद एमएस पीजी डॉक्टर्स को 58 तरह की सामान्य सर्जरी करने की अनुमति पर इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सवाल उठाने को गलत ठहराया। निजी आयुर्वेद कॉलेज शिक्षण संघ मप्र के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राकेश पाण्डेय का कहना है कि आयुर्वेद पीजी डॉक्टर पहले भी ये सर्जरी करते रहे हैं, अब लीगली नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जिससे प्रदेश के पचास आयुर्वेद एमएस समेत देशभर के केवल पांच सौ आयुर्वेद एमएस पीजी डॉक्टर्स ही लाभान्वित हैं। अब आधुनिक चिकित्सा पैथी के डॉक्टर्स विरोध छोड़कर साथ काम करें तो बेहतर है। डॉ पाण्डेय का कहना है कि "केंद्रीय आयुष मंत्रालय की तरफ से मंत्री रिजिजू स्पष्ट कर चुके हैं कि समस्त सुविधाओं व सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट से सुसज्जित अस्पतालों में ही सर्जरी हो सकेगी।" राज्यसभा दिल्ली में प्रभारी केंद्रीय आयुष मंत्री किरण रिजिजू ने आनंद शर्मा के प्रश्न का जवाब देते हुये बताया कि "केवल आयुर्वेद एमएस पीजी डॉक्टर ही 58 तरह की सर्जरी कर सकेगा। इसके अतिरिक्त वो अन्य किसी भी तरह की सर्जरी नहीं कर सकेंगे।" बता दें कि इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन इस पर भी अपना विरोध दर्ज करा चुका है।
दरअसल नवंबर-दिसंबर 2020 में सेंट्रल काउंसिल ऑफ इण्डियन मेडिसिन ने भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद संशोधन विनियम 2020 गजट नोटिफिकेशन जारी कर आंख, नाक, गला, कान, सिर, दांत, स्तन की गांठें, अल्सर, पेट व मूत्र मार्ग के बाहरी तत्वों की निकासी, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद हटाने के साथ विभिन्न 58 प्रकार की सामान्य सर्जरी के अधिकार उन आयुर्वेद डॉक्टरों को दिये हैं, जो आयुर्वेदीय शल्य तंत्र व शालाक्य तंत्र में एमएस पीजी हैं। इसका विरोध इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार करता आ रहा है और विगत 11 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल भी कर चुका है।
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