हाइलाइट्स :
साहब को 2 हजार रूपये प्रतिमाह गाड़ी का चाहिए नजराना
15 तारीख तक ग्वालियर व भोपाल का साहब करते हैं हिसाब
20 गाड़ियां एक साथ होने पर दी 500 रूपये अवैध वसूली पर छूट
अनूपपुर, मध्य प्रदेश। शहडोल में पदस्थ महिला रेंजर के ऑडियो वॉयरल का मामला अभी ठण्डा ही नहीं हुआ कि परिवहन विभाग के संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी के द्वारा वाहनों से की जा रही अवैध वसूली की सौदेबाजी का ऑडियो सोशल मीडिया में धूम मचा रहा है। महिला रेंजर की तरह इस अधिकारी के भी बेवाक बोलों ने इन्हें और पूरे विभाग को बेनकाब कर दिया।
परिवहन विभाग में शहडोल, उमरिया व अनूपपुर जिले के संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी बनकर बीते महीनों पदस्थ हुए वी.पी.सिंह के द्वारा एनएच-43 सहित संभाग के अन्य प्रमुख मार्गों पर अवैध वसूली किसी से छिपी नहीं है, 3 से 4 युवकों को भाड़े पर रखकर खुलेआम वसूली करना और जिनके द्वारा महीने की राशि तय न की जाये, उनके खिलाफ कार्यवाही की धमकी देना, अब आम हो चला है, साहब की मनमानी का आलम यह है कि इनकी वसूली के दाम 05 हजार प्रति वाहन से शुरू होते हैं और खत्म 4 से 5 सौ में हो जाते हैं, वी.पी.सिंह के द्वारा अवैध वसूली इतनी दिलेरी से की जाती है, इसका अंदाजा सोशल मीडिया में वायरल हुए उनके ऑडियो को सुनकर लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से रुपया दो या फिर कार्यवाही करुँ की बातेें खुलकर कहीं।
खुलेआम होती है सौदेबाजी :
कटनी जिले के वाहन मालिक की जब बीते दिनों कथित अधिकारियों के द्वारा ट्रक खड़े करवाए गए और प्रति गाड़ी 5-5 हजार रुपये मांगे गये, जिसके बाद अधिकारी और ट्रक के चालक के माध्यम से वाहन मालिक के बीच हुई वार्ता और वसूली की सौंदेबाजी की आवाज सेल फोन में रिकार्ड हुई और बाद में वायरल हो गई, कटनी व बिलासपुर के वाहन मालिक तो महज एक बानगी है, साहब दिन में दर्जनों बार इस तरह की वसूली फोन और सामने बैखौफ होकर करते हैं।
यह कहा वाहन मालिक से :
बीते दिनों जब कथित अधिकारी के साथ घूम रहे भाड़े के कटरों के द्वारा छत्तीसगढ़ की गाड़ी सड़क पर रोकी गई और उसके बाद हुई वार्ता में साहब ने सीधे-सीधे वाहन मालिक से कहा कि शहडोल संभाग में आओगे तो रुपया देना पड़ेगा, हम कार्यवाही के लिए तुम्हारे घर थोड़े ही नहीं आये हैं, दूसरी तरफ से कितने रुपये देने पड़ेगें के जवाब में साहब ने कहा कि 2 हजार रुपये प्रति गाड़ी आपको चुकाना पड़ेगा, मालिक के मना करने पर साहब ने कहा कि तुम कितने जमा करवाओगे, उधर से आवाज गई कि 500 के हिसाब से जमा कर देते हैं, साहब ने कहा रहने दो, गाडिय़ां अंदर कर देता हूँ, मोल भाव के इस बाजार में साहब इतना नीचे गिर जाएंगे, इसका अंदाजा वाहन मालिक ने भी नहीं लगाया होगा, संभाग के उड़नदस्ता प्रभारी ने कहा कि कितनी गाडिय़ां है तुम्हारी, जवाब मिला, हैं तो 20 गाडिय़ां पर, महिने में दो ट्रिप ही लगते हैं, उससे क्या फर्क पड़ता है, 2 हजार के हिसाब से 40 हजार होते हैं, तुम 30 हजार ही दे दो, वाहन मालिक के कहा साहब 10 हजार ले लो, दो ही ट्रिप तो लगते हैं।
15 तक सबको देता हूँ हिसाब :
कटनी के एक व्यापारी से हुई अन्य चर्चा के ऑडियो में उड़नदस्ता प्रभारी ने तो खुद की कलई खोली ही, वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं बख्सा, गाड़ियां खड़ी होने के बाद व्यापारी से हुई चर्चा में साहब से अनुरोध किया गया कि अभी गाड़ी छोड़ दीजिए, पिताजी को कोरोना हो गया है, मैं जल्दी आकर मिलूगा, पहले भी मिलकर रुपया दिया है, संभागीय अधिकारी ने कहा कि दो से तीन दिन से ज्यादा समय नहीं दे सकता, 15 तारीख तक मेरे को भी ग्वालियर और भोपाल में हिसाब करना होता है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गाड़ी मालिक ने कहा कि शहडोल में रहता तो तत्काल दे देता, पिछले बार भी आप होटल में बैठे थे, मैंने आकर रुपये दिये थे, इस पर साहब ने कहा कि मैं क्या करुं, मजबूर हूँ, वसूली न करुं तो क्या करुं, अधिकारियों को घर का गल्ला बेचकर पैसा तो नहीं दूँगा, चर्चा के बाद वाहन मालिक ने कहा कि अपना नम्बर मेरे ड्राइवर को लिखवा दीजिए या मुझे बता दीजिए, पांच गाड़ी है आकर हिसाब कर दूंगा, साहब ने तत्काल ही कहा नम्बर लिखे 9424825825 पर आकर फोन करना।
शर्म करो, सरकार :
आने वाले दिनों में जिला मुख्यालय की विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, प्रदेश में भाजपा की सरकार और मुख्यालय में भाजपा के कैबिनेट मंत्री हैं, अनूपपुर की सड़कों पर खुलेआम सरकारी मुलाजिमों द्वारा इस तरह की अवैध वसूली करना और इसके ऑडियो वॉयरल होना, ऑडियो में खुलकर भोपाल और ग्वालियर का उल्लेख होना, कहीं न कहीं सरकार और उनके नुमाइंदों को कटघरे में खड़ा करता है, एक तरफ कांग्रेस के दो-दो विधायक उपचुनाव में मुद्दे ढूंढ रहे हैं, वहीं व्ही.पी. सिंह जैसे नौकरशाह जो मूल पद को छोड़कर चाटुकारिता व रूपयों के दम पर संभागीय प्रभारी तो बन गये हैं, लेकिन उनकी आदतें आज भी मूलपद के अनुरूप हजार से पांच सौ वाली ही हैं।
इनका कहना है :
उड़नदस्ता के संभागीय प्रभारी वी.पी. सिंह के मोबाइल पर फोन किया गया तो, उनके किसी अधीनस्थ ने फोन रिसीव किया और कहा कि साहब अभी बाथरूम में है, बाद में बात कर सकते हैं, वहीं जब बाद में फोन किया गया तो रिसीव ही नहीं किया गया।
साक्ष्य हमें उपलब्ध करा दें, सत्यता एवं तथ्यों को देखते हुए, हम निश्चित रूप से उसमें जांच करेंगे और दोषियों पर कार्यवाही भी करेंगे।अरविन्द सक्सेना, उप परिवहन आयुक्त, परिवहन मुख्यालय ग्वालियर
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