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मध्य प्रदेश

नर्मदापुरम, सीहोर सहित 19 जिलों में तीन माह के लिए होगी रेत खदानों की नीलामी

भोपाल, मध्यप्रदेश : प्रदेश के 19 ऐसे जिले जहां अब तक रेत खदानों की नीलामी नहीं हो सकी है। अब वहां नए सिरे से नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी। यह खदानें ठेकेदारों को तीन माह के लिए आवंटित होंगी।

राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश के 19 ऐसे जिले जहां अब तक रेत खदानों की नीलामी नहीं हो सकी है। अब वहां नए सिरे से नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी। यह खदानें ठेकेदारों को तीन माह के लिए आवंटित होंगी।

कैबिनेट ने गुरुवार को इस संबंध में पेश खनिज विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश में रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था लागू होगी। प्रदेश में अब तक नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा सहित 19 जिलों में रेत की नीलामी पूरी नहीं की जा सकी है। प्रदेश के सबसे बड़े रेत खदान में शामिल नर्मदापुरम में पिछली बार रेत खदानें 262 करोड़ रुपए में नीलाम हुई थी। यहां 27 करोड़ की मीर्जिन मनी के अलावा ठेके की 50 फीसदी राशि जमा हो गई थी, लेकिन बाद में विवाद के चलते यहां का मामला हाईकोर्ट चला गया, जिस कारण यहां यह प्रक्रिया अटक गई। इधर 19 जिलों में रेत खदानों के नीलाम नहीं होने से रेत के दामों में जहां बढ़ोतरी हो रही थी, वहीं अवैध कारोबार भी जमकर फलने-फूलने लगा था। कई जरुरतमंद तो नदी से अपनी मर्जी से जरुरत के हिसाब से रेत के अवैध परिवहन करने लगे थे, इसे देखते हुए ही यह व्यवस्था लागू की गई है।

कलेक्टर करेंगे ई-नीलामी :

निर्णय के तहत रेत नियम 2019 में ठेके समर्पित या निरस्त हुए हैं, वहां की समस्त रेत खदानों को कलेक्टर द्वारा 10 दिवस की ई-नीलामी से छोटे समूह बनाकर ऑक्शन किया जाएगा। प्रथम बार ई-नीलामी की प्रक्रिया फेल हो जाती है तो फिर दूसरी बार प्रयास किया जाएगा। दूसरी बार की ई-नीलामी के लिए पांच दिवस की सूचना जारी की जाएगी। जिला कलेक्टर, जिले की भौगोलिक स्थिति एवं राजस्व सीमा के आधार पर छोटे समूह बनाकर ई-नीलामी कर सकेंगे। ई-नीलामी के लिए ऐसी खदानों को वरीयता दी जायेगी, जिनमें वैधानिक स्वीकृतियां हैं। ई.नीलामी का प्रारंभिक मूल्य संबंधित जिले की निरस्त, समर्पित ठेके की निविदा की प्रचलित दर रूपए प्रति क्यूबिक मीटर रखी जाएंगी।

भांग, भांगघोटा के दाम 10 फीसदी बढ़ेंगे :

कैबिनेट ने भांग, भांगघोटा एवं भांग मिठाई की फुटकर बिक्री की दुकानों के वर्ष 2021-22 के निर्धारित वार्षिक मूल्य में 10 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए वर्ष 2022-23 के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया है। इससे नए वित्तीय वर्ष में भांग आदि के दामों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी तय है। निर्णय के तहत इन मालों की ड्यूटी दर वर्तमान में 100 रूपये प्रति किलोग्राम एवं भिन्न अनुज्ञप्तिधारी संस्थाओं के लिए भांग की ड्यूटी दर वर्तमान में 200 रुपए प्रति किलोग्राम को वर्ष 2022-23 के लिए बरकरार रखा गया है।

यह निर्णय भी लिए :

  • रीवा जिले की सेमरिया माइक्रो सिंचाई परियोजना लागत राशि 158 करोड़ 6 लाख रुपए, सिंचाई क्षमता 9,000 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना के निर्माण होने से सेमरिया तहसील के 86 ग्रामों की 9,000 हेक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत दबावयुक्त पाइप वितरण प्रणाली सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।

  • सामाकोटा बैराज लागत राशि 188 करोड़ 42 लाख रुपए, सिंचाई क्षमता 6,000 हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना से उज्जैन जिले की तहसील महिदपुर के 15 ग्रामों को भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई लाभ प्राप्त होगा।

  • सीएम जनसेवा-181 से लोक सेवा गारंटी में राजस्व विभाग की कप्यूटरीकृत राजस्व अभिलेख की प्रतिलिपि मोबाइल पर प्रदाय की जा रही है। इस सेवा के लिए मात्र 10 रुपए प्रति पृष्ठ फीस रखी जाएगी।

  • देवारण्य योजना को लागू करने का अनुमोदन। देवारण्य योजना प्रदेश में 11 विशेष पादप उत्पादक क्षेत्रों का निर्धारण कर इन क्षेत्रों का विकास कर औषधीय तथा सुगंधित पौधों के उत्पादन, भंडारण, विपणन की वैल्यू चेन निर्मित करने के उद्देश्य से क्रियान्वित की जाएगी।

  • मुख्यमंत्री के विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से संवाद स्थापित करने एवं हित लाभ वितरण के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नवीन योजना कार्यक्रम आयोजन एवं प्रबंधन प्रारंभ करने का निर्णय लिया। इससे कार्यक्रमों के आयोजन में सुविधा होगी। साथ ही जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जा सकेगा।

  • मप्र निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया। विधेयक में प्रेस्टीज विश्वविद्यालय इंदौर, टाइम्स विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉ. प्रीति ग्लोबल विश्वविद्यालय शिवपुरी एवं एलएनसीटी विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर को स्थापित करने के अध्यादेश को पुन:स्थापित किया गया है।

  • सहकारिता विभाग की सहकारी सोयाबीन प्र-संस्करण संयंत्र, बनापुरा, जिला होशंगाबाद स्थित परिसम्पत्ति पर स्थापित प्लांट एवं मशीनरी को स्क्रेप के रूप में निर्वर्तन किए जाने के लिए एच-1 निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य का 100 प्रतिशत जमा करने के उपरांत विक्रय अनुबंध की कार्यवाही होगी।

  • राजस्व विभाग की चाचौड़ा, जिला गुना स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु-1 निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु अनुबंध- रजिस्ट्री के निष्पादन की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी।

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