नाइट ब्लड सर्वे RE
मध्य प्रदेश

प्रभारी सीएमएचओ के तुगलकी फरमान से आशा कार्यकर्ता परेशान, रात 9 से 12 बजे तक करना पड़ रहा सर्वे

सीएमएचओ डॉ. दिनेश दहलवार ने एक फरमान निकाला है कि नाइट ब्लड सर्वे के लिए वार्डों में घर-घर जाकर महिलाएं नाइट ब्लड सर्वे करें, सैंपल ले और 20 वर्ष वाले व्यक्तियों की स्लाइड बनाई जाएगी।

Prafulla Tiwari

नर्मदापुरम। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के एक तुगलकी फरमान से जिले की आशा कार्यकर्ता परेशान है। सीएमएचओ ने आशा कार्यकर्ताओं को रात में फील्ड में रहकर फाइलेरिया रोग की रोकथाम के लिए लाइट ब्लड सर्वे के निर्देस दिए हैं। अब आशद्म कार्यकर्ता  रात में 9 बजे से रात 12 बजे तक शहर की बस्तियों में काम करने के लिए मजबूर हैं। दिन भर विभागीय गतिविधियों के साथ ही रात 9 बजे से ब्लड सर्वे करने के कारण उन्हें अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक प्रश्न यह भी है कि रात में काम के दौरान किसी महिला के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश दहलवार ने एक फरमान निकाला है कि नाइट ब्लड सर्वे के लिए वार्डों में घर-घर जाकर महिलाएं नाइट ब्लड सर्वे करें, सैंपल ले और 20 वर्ष वाले व्यक्तियों की स्लाइड बनाई जाएगी। सर्वे में कई ऐसी आशा कार्यकर्ता हैं जो कि विधवा हैं, बुजुर्ग हैं। उनसे भी रात में 12 बजे सर्वे कराया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने संबंधित विभाग के मलेरिया अधिकारी को आदेश दिया है कि यह सर्वे का काम 3 दिन में पूर्ण होना चाहिए। पूरे जिले में रात्रि में बुजुर्ग आशा कार्यकर्ता हैं रात्रि में कार्य कर रही हैं। इधर एबीएम हरिओम मेवाड़ा का कहना है कि यह आदेश भोपाल संचनालय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी का आदेश है इसलिए इन सभी आशा कार्यकर्ताओं को रात्रि में ही काम लिया जाएगा। इधर आशा कार्यकर्ताओं को ना तो कोई वेतन दिया जाता है ना उन्हें कोई ऐसा विशेष लाभ। रात्रि में ऐसा सर्वे कराना कौन सा उचित है। बताया जाता है कि आशा कार्यकर्ता सिर्फ प्रोत्साहन राशि के बल पर ही अपना कार्य करती हैं। यदि ड्यूटी के दौरान कोई हादसा या कोई घटना घट जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आदेश दिया है कि उक्त सर्वे में रात्रि 9 बजे से रात को 12 बजे तक सैंपल लिए जाएंगे और उक्त सर्वे में आशा कार्यकर्ता तैनात रहेंगीं। बताया जाता है कि घर-घर जाकर यह सर्वे चल रहा है और उक्त सर्वे में महिलाएं सर्वे के लिये घूम रही हैं। मालूम हो कि हर विकासखंड में लगभग जिले में 400 से 500 महिला रात्रि में ड्यूटी कर रही हैंद्ध यदि कोई हादसा य किसकी जिम्मेदारी होगी। सैंपल लेने के लिये रात में आशा कार्यकर्ता विभिन्न वार्डों में पहुंच रहीं हैं। जबकि कई ऐसी जगह भी चिन्हित की गई है, जो कि संवेदनशील एरिया है। आदर्श नगर, आजमगढ़, फेफरताल, ग्वालटोली, एसपीएम शहर से कई किलोमीटर दूर है और संवेदनशील क्षेत्र हैं। अकेले महिलाएं रात्रि में 9 से 12 12 बजे तक लोगों के घरों-घरों जाकर सर्वे कर रही है। यह कौन सा तुगलकी आदेश है, जो इन विधवा एवं बुजुर्ग आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। 

इनका कहना है

इस मामले में जिला मलेरिया अधिकारी अरुण श्रीवास्तव के मोबाइल नंबर 9993708881 पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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