आशा कार्यकर्ताओं ने इंसेंटिव बंद होने से नाराज होकर की हड़ताल Social Media
मध्य प्रदेश

आशा कार्यकर्ताओं ने इंसेंटिव बंद होने से नाराज होकर की हड़ताल

पिछले दिनों भोपाल के आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाला इंसेंटिव बंद कर दिया गया था। जिसको लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर हड़ताल कर दी।

Author : Kavita Singh Rathore

भोपाल, मध्य प्रदेश। आज पूरे देश में महंगाई आसमान छू रही है। जिसके चलते हर किसी को पैसों की जरूरत है। किसी भी संस्था में नौकरी करने वाले कर्मचारी चाहते हैं कि, उनके वेतन के साथ इंसेंटिव भी दिया जाए। इसी कड़ी में पिछले दिनों भोपाल के आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाला इंसेंटिव बंद कर दिया गया था। जिसको लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर हड़ताल कर दी।

आशा कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर की हड़ताल :

दरअसल, पूरे मध्य प्रदेश में टीकाकरण सर्वे का काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि या इंसेंटिव बंद कर दिया गया है। इंसेंटिव बंद होने से नाराज कार्यकर्ताओं ने मंगवार को हड़ताल की। बता दें, यह सभी आशा कार्यकर्ता प्रतिमाह एक हजार रूपए मिलने वाले इंसेंटिव के बंद किए जाने से नाराज है। बता दें, इससे पहले कोरोना मरीजों का सर्वे का काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं का भी इंसेंटिव बंद कर दिया गया था। बता दें, इससे पहले इन कार्यकर्ताओं ने शनिवार को भी एक दिन का सांकेेतिक प्रदर्शन किया था। हालांकि, इसकी समस्या अब तक हल नहीं हुई है।

कोरोना रोकथाम संबंधित काम प्रभावित :

बताते चलें, कोरोना मरीजों का सर्वे का काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही इस हड़ताल के चलते कोरोना रोकथाम संबंधित काम प्रभावित हो रहा है। खबर तो यह भी है कि, यदि इन की मांगें पूरी नहीं की गई तो, यह सभी आशा कार्यकर्ता और सहयोगिनी मिलकर इस 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस को काला दिवस के रूप मनाएंगी। बताते चलें, इन आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पहले भी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की जा चुकी है।

आशा सहयोगिनी श्रमिक महासंघ की अध्यक्ष का कहना :

मध्य प्रदेश की आशा सहयोगिनी श्रमिक महासंघ की अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने शनिवार को कहा था कि, 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से एक आदेश जारी कर कहा गया है कि, 'सितंबर से सर्वे के बदले आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी को हर दिन मिलने वाली क्रमश: 33 रुपये और 15 रुपये की राशि बंद की जाती है। इससे पूरे प्रदेश के 84 हजार कार्यकर्ता और सहयोगिनी में नाराजगी है। अक्टूबर और नवंबर में भी हमेशा की तरह सर्वे का कार्य किया गया है, लेकिन सितंबर से प्रोत्साहन राशि बंद करने का आदेश अब आया है। ऐसे में अक्टूबर और नवंबर की राशि उन्हें कैसे मिलेेगी। सितंबर में ही आदेश की जानकारी होती तो सर्वे बंद कर दिया जाता है।'

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