जिला पंचायत में अध्यक्ष पद को लेकर लगाये जा रहे सारे कयास व समीकरण तब धराशायी हो गये जब कांग्रेस प्रत्याशी प्रीति रमेश सिंह ने 6-5 के अंतर से विजय हासिल कर ली। मतदान के अंतिम समय तक भाजपा खेमें में छाई खुशी नागेन्द्र नाथ के सामने आते ही मायूसी में बदल गई। इस अप्रत्याशित परिणाम ने भारतीय जनता पार्टी की तमाम रणनीति को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। विधानसभा 2023 के पहले हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश के विभिन्न जिलों में जैसे भी परिणाम आए हो, लेकिन पूर्व विंध्यप्रदेश के अंतिम हिस्से में बसे अनूपपुर जिले की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार खिसकता दिखाई पड़ा है। जिला पंचायत में अध्यक्ष पद को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने साम-दाम-दण्ड-भेद के सहारे ऐसा ताना-बाना बुना कि सब ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के पूर्व ही भाजपा प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया था, लेकिन एकाएक समीकरण तब बदल गया जब अनूपपुर जिला पंचायत के प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष नागेन्द्र नाथ सिंह पहुंचे। उसके बाद भाजपा खेमें में उथल-पुथल दिखाई देने लगी और जब परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आया तो सबने उन्हें गले लगाते हुए जिले की राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाने का आमंत्रण दे दिया।
आखिर कहां हुई चूक :
जिला पंचायत में अध्यक्ष पद की कुर्सी किसी भी संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण इसलिए मानी जाती है क्योंकि जिले में होने वाले हर एकविकास कार्य के निर्णय में उसकी मुहर लगती है, जिसके माध्यम से विधानसभा के समीकरणों को सकारात्मक बनाने में बल मिलता है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी को या कांग्रेस के द्वारा जिला पंचायत में अध्यक्ष पद की विजय के लिए वह सब कुछ किया जो राजनीति में किया जाना था, लेकिन भाजपा सब कुछ करने के बाद कहां चूक कर बैठी यह तो अब उसके शीर्ष नेताओं के लिए मंथन और चिंतन का विषय बना गया है।
एकजुटता से हुई कांग्रेस की जीत :
जिले में बिखरी कांग्रेस को कब कैसे एकजुट किया गया यह तो पार्टी के नेता ही जानते होंगे, लेकिन राजनैतिक विशलेषकों की माने तो जिला पंचायत चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशन पर नागेन्द्र नाथ सिंह ने अंदर ही अंदर मोर्चा संभाला और पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह के साथ मिलकर कांग्रेस प्रत्याशियों को विजय श्री दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया, लेकिन विजयी जिला पंचायत सदस्य आपस में बिखरते दिखाई देने के बाद एक बार फिर नागेन्द्र नाथ सिंह ने ऐन मौके पर आकर जिम्मेदारी निभाई और उसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती प्रीति रमेश सिंह अध्यक्ष निर्वाचित हो सकीं।
अब नगरपालिका की बारी :
शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में सामने आये अप्रत्याशित परिणामों ने कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार कर दिया है। जिसके बाद से नगरपालिका अनूपपुर में कांग्रेस नगर सरकार बनाने में संख्या बल कम होने के बाद भी प्रबल दावेदार की श्रेणी आ गई है। वही भाजपा के रणनीतिकार समीकरण बदलने को मजबूर हो गये है कि यदि प्रत्याशी चयन सही नहीं हुआ तो नगरपालिका अनूपपुर के अध्यक्ष पद की कुर्सी भी कहीं हाथ से न निकल जाये वही कांग्रेस पूरी दम खम के साथ निर्दलीय पार्षद को मनाने में जुट गई है।
जनपद में भी भाजपा पीछे :
जिले की चार जनपद पंचायतों में अध्यक्ष पद की बात की जाये तो पुष्पराजगढ व अनूपपुर में भाजपा विजयी रही, लेकिन पुष्पराजगढ में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार उपाध्यक्ष पद पर विजयी हुआ। जनपद पंचायत जैतहरी में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष उम्मीदवारों ने भाजपा को चारो खाने चित्त कर दिया। कोतमा में अध्यक्ष पद पर विजयी हुए निविर्रोध विजयी हुए निर्दलीय को दोनो ही दल अपना बता रहे है। हां उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चो के महामंत्री ने विजय हासिल की।
प्रदेश में कमलनाथ, अनूपपुर में नागेन्द्रनाथ :
जिले में बिखरती कांग्रेस को जिला पंचायत अध्यक्ष मिलने के बाद एकजुट करने में अहम भूमिका नागेन्द्रनाथ सिंह ने निभाई, जिसके बाद से यहां राजनीति के धुरंधर अब अनूपपुर में कांग्रेस की राजनीति में नागेन्द्र नाथ की महत्वपूर्ण भूमिका को कम नहीं आक रहे है। लोगों ने यहां तक कहां कि प्रदेश में कमलनाथ के आने के बाद से कांग्रेस ने वापसी की तो अनूपपुर में जिला बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पहली बार कांग्रेस के खाते में नागेन्द्रनाथ के दखल के बाद बन पाया। ऐसे में यह कहना अतिसंयोक्ति नहीं होगी कि विधानसभा 2023 के चुनाव में नागेन्द्र नाथ सिंह की जिले में अहम भूमिका होगी।
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