अनूपपुर, मध्यप्रदेश। थाना भालूमाडा अंतर्गत निवास करने वाले कॉलरी कर्मचारी सुनील कोरी ने 29 जून को आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद लोगों ने कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप की ओर संदेह करने लगे थे। वही कुछ लोगों ने सूदखोरी व प्रताड़ना से तंग आकर ऐसा कदम उठाना बताया था, लेकिन पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के द्वारा पूरे मामले की विधिवत जांच कराते हुए निष्पक्ष तरीके से मामले को साफ कर दिया।
एसपी ने स्वयं की पूछताछ :
सुनील कोरी आत्महत्या मामले को पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने गंभीरता से लेते हुए उन्होने स्वयं स्व. सुनील कोरी की पत्नी, बच्चो, आस-पड़ोस सहित अन्य स्त्रोतों के माध्यम से जानकारी ली, उसके बाद सभी बैंक खातो, फोन टेपिंग, बैंक ट्रांजेक्शन जैसी अनेक प्रावधानों पर विवेचना कर मामले को निष्पक्षता से जांच कराई गई, जिससे बाद साफ हुआ कि स्व. कोरी की किसी भी तरह से सूदखोरी व प्रताड़ना से तंग आकर मौत नहीं हुई थी।
आरोप निराधार :
कॉलरी कर्मचारी सुनील कोरी की आत्महत्या निजी कारणों से होना प्रतीत हुआ, क्योंकि जिस नगरसेवी उमेश मिश्रा पर बेवजह आरोप लगाये जा रहे थे, वह उनके वर्षों के दोस्त थे और उनका लेन-देन हर विपरीत परिस्थितियों में होता रहता था। कुछ माह पहले ही अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए अपने दोस्त से उधार के रूप में मदद ली थी, जिसके बाद उनका पीएफ का पैसा आया तो उन्होंने वापस किया था। जिसके कई माह बाद उन्होने आत्महत्या की है और न ही किसी तरह से आत्महत्या के पहले किसी पर आरोप लगाए थे, पुलिस जांच के बाद पूर्णत: स्पष्ट हो गया कि आत्महत्या का कारण सूदखोरी व प्रताड़ना नहीं है।
इनका कहना है :
जिले में होने वाली घटनाओं/अपराधों पर पुलिस निष्पक्ष जांच करती है, इस मामले में मैंने स्वयं मृतक के परिजनों से पूछताछ की है साथ ही अन्य स्त्रोतो के माध्यम से जांच पूर्ण की गई, किसी भी तरह से आत्महत्या का कारण सूदखोरी नहीं है।अखिल पटेल, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
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