अनूपपुर, मध्यप्रदेश। वर्ष 2015 में लोकतांत्रिक तरीके से श्रीमती राजवती सिंह को सरपंच निर्वाचित किया गया था, वर्ष 2020 में मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के अनुसार उन्हें ग्राम प्रधान बनाया गया था, लेकिन उन्हे पद से पृथक कर श्रीमती लल्ली कोल को गैर कानूनी तरीके से ग्राम प्रधान बनाया गया, उच्च न्यायालय ने रोक लगाते हुए राजवती को बहाल कर दिया था, लेकिन आदेश की अवहेलना अभी तक जारी है।
जनपद पंचायत जैतहरी की ग्राम पंचायत खम्हरिया में श्रीमती राजवती सिंह निर्वाचित सरपंच है, जिन्हें ग्रामवासियों ने वर्ष 2015 में मतदान कर उन्हें अपना सरपंच चुना था, उसके बाद मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के पत्र कं0/2005/एफ-16-5/2020/22/प-2 भोपाल 8 मार्च 2020 के परिपालन में मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा-87 की उपधारा-3(ख) के अनुसार शक्तियों का प्रयोग करते हुए श्रीमान् ने ग्राम पंचायत खम्हरिया प्रधान पद पत्र श्रीमती राजवती सिंह को मनोनीत करते हुए प्रशासकीय समिति का गठन किया गया था।
अवैधानिक रूप से किया मनोनीत :
दो दर्जन ग्रामीण व पंचों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कर लल्ली कोल को हटाते हुए ग्राम पंचायत में राजवती सिंह को प्रधान नियुक्त किए जाने की मांग की है और पत्र में लिखा की कार्यालय जिला पंचायत अनूपपुर मध्यप्रदेश के आदेश 6 जनवरी 2021 के आधार पर 1 मार्च 2021 आदेश 13 मार्च 2020 को निरस्त कर ग्राम पंचायत खम्हरिया के प्रधान पद पर श्रीमती लल्ली कोल को मनोनीत कर दिया गया, जो पूर्णत: गैर कानूनी है। सदस्यगणो ने डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया को कलेक्टर के नाम पत्र सौपते हुए जल्द कार्यवाही की मांग की है।
उच्च न्यायालय ने लगाई थी रोक :
कार्यालय जिला पंचायत के आदेश 6 जनवरी 2021 एवं कलेक्टर के आदेश 1 मार्च 2021 के विरूद्ध श्रीमती राजवती सिंह मनोनीत प्रधान ग्राम पंचायत खम्हरिया ने उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष रिट पिटीशन नं0-5718/2021 प्रस्तुत किया था, जिसे स्वीकार किया जाकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कार्यालय जिला पंचायत के आदेश 6 जनवरी 2021 को क्षेत्राधिकारिताविहीन होने से उक्त आदेश एवं कलेक्टर के आदेश 1 मार्च 2021 एवं आदेश दिनांक 06.01.2021 के आधार पर श्रीमती राजवती सिंह को पदच्युत किये जाने से रोक लगाते हुए श्रीमती राजवती सिंह को पुन: ग्राम पंचायत खम्हरिया के प्रधान पद पर बहाल किये जाने हेतु आदेश प्रदान किया गया था।
न्यायालय के आदेशों की अवहेलना :
माननीय उच्च न्यायालय के उक्त आदेश दिनाक 22.03.2021 की निरन्तर अवमानना करते हुए श्रीमती लल्ली कोल द्वारा ग्राम पंचायत खम्हरिया के प्रधान की हैसियत से कार्य संचालित किया जा रहा है, जो पूर्णत: विधि विरूद्ध एवं गैर कानूनी है। ग्राम पंचायत खम्हरिया के प्रार्थीगण, निर्वाचित पंच कलेक्टर के द्वारा गठित प्रशासकीय समिति में सदस्य है, विवश होकर न्याय की मंशा से और न्याय प्राप्त करने हेतु कलेक्टर को उक्त आवेदन पत्र इस आशय से प्रस्तुत कर रहे है कि माननीय उच्च न्यायालय की रिट पिटीशन क्रं.-5718/2021 आदेश दिनांक 22.03.2021 का परिपालन सुनिश्चित किया जाना न्यायहित में है।
प्रधान पद पर बहाल किये जान की मांग :
पंचों एवं ग्रामीणों ने कलेक्टर से प्रधान पद पर बहाल किए जाने की मांग की है, उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर म0प्र0 के रिट पिटीशन के अनुसार आदेश दिनांक 22.03.2021 का परिपालन किया जाकर श्रीमती राजवती सिंह को ग्राम पंचायत खम्हरिया प्रधान पद पर बहाल किये जाने का आदेश दिया जाए जिससे ग्राम विकास की योजनाएं संचालित की जाए।
इसलिए बदले गए थे ग्राम प्रधान :
मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जिनमें से अनूपपुर विधायक व वर्तमान खाद्यमंत्री बिसाहूलाल सिंह भी थे, जिसके बाद उपचुनाव का ऐलान किया गया, बिसाहूलाल सिंह के सामने विश्वनाथ सिंह प्रत्याशी के रूप में सामने मैदान में खड़े थे। इस द्वेष भावना को लेकर बिसाहूलाल सिंह ने विश्वनाथ की पत्नी राजवती सिंह पर धारा 40 की कार्यवाही कराते हुए पद से पृथक करा दिया था। इतना ही नहीं पांच लोगो पर 10-10 हजार की रिकवरी बनाते हुए कार्यवाही किए जाने का आदेश कलेक्टर के द्वारा दिया गया था, लेकिन सिर्फ ग्राम प्रधान राजवती सिंह पर ही कार्यवाही हुई थी जो राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाता है।
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