इंदौर। अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन कराना होता है और इसके साथ ही उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता है। बुधवार को 70 श्रद्धालु पीसी सेठी अस्पताल वापस लौटे, क्योंकि उनको जो प्रमाण-पत्र दिए गए थे, उस पर पीसी सेठी हॉस्पिटल की सील लगा दी गई, जबकि अनुमति जिला अस्पताल की दी गई है। इस कारण इनका मेडिकल सर्टिफिकेट अमान्य कर दिया गया। इन श्रद्धालुओं ने बुधवार को दोबारा अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया, जिस पर जिला अस्पताल की सील लगाकर दी गई।
डॉ. वर्मा का कहना है कि मेरी पोस्टिंग पीसी सेठी अस्पताल में है, इसलिए सील भी यहां की लगाकर दी गई थी। इस तरह से मेरे द्वारा करीब 350 के करीब सर्टिफिकेट बनाए हैं, इसे बोर्ड को स्वीकरना चाहिए, क्योंकि जहां डॉक्टर की पोस्टिंग है, वहीं की सील लगाएगा। इसके कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। इस वर्ष जून के तीसरे सप्ताह में यात्रा प्रारंभ होगी। इसके लिए यात्रियों का पंजीयन शुरू हो चुका है। इसके चलते शहर के अस्पतालों में मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वालों को खासी भीड़ हो रही है। हालत यह है कि संयोगितागंज स्थित पीसी सेठी अस्पताल में सुबह 6 बजे से ही पर्ची बनना शुरू हो जा रही है, जबकि यहां ओपीडी सुबह 8 बजे शुरू हो रही है। लोगों की भावनाओं को देखते हुए संबंधित स्टॉफ और डॉक्टर भी समय से पहले अस्पताल पहुंच रहे हैं। हालत यह है कि सुबह के 9-10 बजे तक दो-ढाई सौ लोगों की भीड़ अस्पताल में लग जाती है। अस्पताल में इतनी अधिक भीड़ होने के कारण अन्य मरीज खासकर यहां इलाज और प्रसूति के लिए आने वाली गर्भवती माताएं काफी परेशान हो रही हैं।
पांच डॉक्टरों के ही नाम हैं सूची में...
एक जानकारी के मुताबिक हर वर्ष इंदौर से करीब दस हजार श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए जाते हैं। इन्हें यात्रा के पंजीयन के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा अधिकृत डॉक्टर्स से मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता है। इस बार इंदौर से एक भी डॉक्टर का नाम बोर्ड ने सूची में जारी नहीं किया था, इसको लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आपत्ति ली थी। इसके बाद शहर के पांच शासकीय डॉक्टरों के नाम बोर्ड द्वारा जारी किए गए थे। यह पांचों डॉक्टर पीसी सेठी अस्पताल, हुकुमचंद पॉली क्लीनिक, जिला अस्पताल मेंं अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बना रहे हैं। सबसे ज्यादा भीड़ पीसी सेठी अस्पताल में ही उमड़ रही है। यहां पर डॉ. संतोष वर्मा अधिकृत हैं और वो सर्टिफिकेट बना रहे हैं। उनका कहना है कि गत वर्ष की तरह अन्य डॉक्टर्स को भी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने की अनुमति मिलना चाहिए और सेंटर भी बढ़ाना चाहिए, तभी लोगों की भीड़ कम होगी और उन्हें राहत मिलेगी।
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