भोपाल, मध्यप्रदेश। बर्खास्त आईएएस दपत्ति अरविंद जोशी, टीनू जोशी एवं फेथ ग्रुप की आयकर विभाग द्वारा बेनामी संपत्ति जिसको विभाग ने अटैच कर लिया था का एग्रीमेंट कर लिया गया है। अब विभाग इस मामले में कानूनी सलाह ले रहा है।
प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (मप्र-छग) आरके पालीवाल ने बताया कि फेथ ग्रुप के मालिक राघवेंद्र सिंह तोमर और बर्खास्त आईएएस दंपत्ति अरविंद व टीनू जोशी की भोपाल में अटैच की गई प्रॉपर्टी के ही एग्रीमेंट कर लिए जबकि इनकी खरीद-फरोख्त पर रोक है। इसमें क्रिकेट स्टेडियम की जमीन समेत अन्य संपत्तियां शामिल बताई जा रही हैैं। इससे जुड़े दस्तावेज आयकर विभाग के हाथ लगे हैैं। बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के प्रावधानों से छेड़छाड़ को देखते हुए विभाग अब कानूनी सलाह लेने जा रहा है।दरअसल, आईटी ने पिछले साल अगस्त में फेथ ग्रुप समेत अन्य पर छापा मारकार्रवाई की थी। पड़ताल में ग्रुप के तार बर्खास्त आईएएस दंपत्ति अरविंद व टीनू जोशी से जुड़े होने की बात सामने आई थी। जोशी के रिश्तेदार ने इनकी प्रॉपर्टी में बड़ा निवेश किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्रिकेट अकादमी व ग्राउंड की 20 से 30 फीसदी जमीन जोशी की बेनामी संपत्ति का हिस्सा है। यह जमीन जोशी के पिता के नाम पर बताई जा रही है।
100 करोड़ की प्रॉपर्टी राजसात करने की मिली मंजूरी :
जोशी दंपत्ति की 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बेनामी है। दंपत्ति ने अपने माता-पिता, बहन और करीबी सीमांत कोहली के परिवार के नाम पर यह खरीदी थी। इसमें फेथ क्रिकेट अकादमी की दस एकड़ जमीन समेत 220 एकड़ भूमि और आवासीय भूखंड, फ्लैट आदि शामिल बताए जा रहे हैं। भोपाल, सीहोर, रायसेन, मंडला सहित अन्य स्थानों पर यह संपत्ति हैैं। आयकर विभाग सभी बेनामी प्रॉपर्टी सीज (राजसात) करेगा। एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी (अधिनिर्णय प्राधिकारी) से विगत वर्ष इसकी मंजूरी मिल चुकी है।
तीन साल में अटैच की 500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी :
आयकर विभाग ने विगत तीन वर्ष में 800 बेनामी संपत्तियां अटैच की है। इनकी खरीदी-बिक्री पर रोक भी लगी हुई है। इसमें 600 संपत्तियां भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों और 200 प्रॉपर्टी छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर व दूसरे शहरों में है। वर्ष 2016-17 से अटैच की गई संपत्तियों का वर्तमान मूल्य करीब 500 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। हालांकि, खरीदी के समय इनकी कीमत 100 करोड़ रुपए के आसपास रही होगी। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया होने पर ही प्रॉपर्टी का सही मूल्य सामने आ सकेगा।ीश्री पालीवाल के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिसंबर में ही 115 संपत्तियां अटैच की गई हैैं। इसमें 80 प्रॉपर्टी मप्र और 35 छत्तीसगढ़ में हैैं।
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