ग्वालियर, मध्य प्रदेश। पांच लाख के इनामी और आठ पुलिस वालों की जान लेने वाले विकास दुबे के एक मुठभेड़ में सफाए के बाद उत्तरप्रदेश पुलिस ने अब उन लोगों की धरपकड़ शुरु कर दी है जिन्होंने विकास दुबे के गुर्गों को फरारी के दौरान शरण दी थी। ऐसे ही दो लोगों को उत्तरप्रदेश की पुलिस ने ग्वालियर से उठाया है। इनके नाम ओमप्रकाश पांडेय पुत्र छोटेलाल पांडेय और अनिल पांडेय पुत्र चंद्रप्रकाश पांडेय बताए गए हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी उनके घरों से की गई। इनको पकड़ने के लिए कानपुर जिले की चौबेपुर थाना क्षेत्र की पुलिस ग्वालियर आई थी और दोनों आरोपियों को अपने साथ ले गई। इन लोगों को गिरफ्तार करने आई पुलिस टीम में सब इंसपेक्टर अजहर हसरत, हेड कांस्टेबल संजय, कांस्टेबल प्रकाश और कांस्टेबल चंदन शामिल थे।
चौबेपुर पुलिस ने ग्वालियर से जिस ओमप्रकाश और अनिल पांडेय को उठाया है। उन पर आरोप है कि इन दोनों लोगों ने आठ पुलिस वालों की हत्या करके फरार हुए शशिकांत पांडेय उर्फ सोनू पुत्र प्रेमप्रकाश उर्फ राजाराम उर्फ प्रेम कुमार व शिवम दुबे पुत्र बाल गोविंद दुबे को अपने घरों में शरण दी थी। जिन आरोपियों को इन लोगों ने शरण दी थी वे चौबेपुर थाना क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। शरण देने वाले और शरण लेने वालों के बारे में पता चला है कि यह आपस में रिश्तेदार हैं।
इन लोगों को उठाया :
कानपुर से ग्वालियर आई पुलिस ने ओमप्रकाश पांडेय को भगत सिंह नगर थाना गोले का मंदिर तो अनिल पांडेय को सागरताल सरकारी मल्टी थाना बहोड़ापुर से गिरफ्तार किया है। इन दोनों को पुलिस ने इनके घरों से ही उठाया है और जब चौबेपुर थाना से आई पुलिस पार्टी ने इनके घरों पर छापा मारकर इन्हें उठाया तो आसपास यह जानकर हड़कंप मच गया कि उनके पड़ोस में रहने वालों ने उन लोगों को अपने घर में शरण दे रखी थी जिन्हें आधा दर्जन राज्यों में उत्तरप्रदेश तलाश कर रही थी। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 216 के तहत कार्रवाई की गई है। जहां से दोनों आरोपियों को कानपुर पुलिस ने उठाया है, वे शहर के बाहरी छोर पर स्थित हैं और इन इलाकों में बाहर के बदमाश जब तक आते रहते हैं और बाहर के बाहर निकल भी जाते हैं। खासतौर से गोला का मंदिर थाना क्षेत्र की कई बस्तियां तो ऐसी हैं जहां आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों का लगातार आना-जाना रहता है।
चाचा-भतीजे हैं अरेस्ट आरोपी :
ग्वालियर से गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में पता चला है कि ओमप्रकाश, अनिल पांडेय का चाचा है। अनिल पेशे से ड्राइवर है। ओमप्रकाश के बारे में पता चला है कि वह रिश्ते में विकास दुबे का मामा लगता है। इन दोनों के मोबाइल फोन यूपी एसटीएफ सर्विलांस पर लगाए हुए थी और इसी दौरान पता चला कि आठ पुलिस वालों की हत्या करके फरार हुए आरोपियों में शामिल शशिकांत और शिवम दुबे इन दोनों के संपर्क में थे और कानपुर बिकरू से भागते-भागते इन दोनों के घरों तक आ पहुंचे थे। यहां से शशिकांत और शिवम दुबे कहां लापता हो गए, यह पता नहीं चल पाया है।
पुत्र-पुत्री ने पुलिस से कहा, हमारे पापा को बचा लो :
भगत सिंह नगर निवासी ओम प्रकाश पांडे के पुत्र ज्योति और अमित पाण्डे मुख्यमंत्री के मोतीमहल में आने की सूचना पर पहुंच गए। यहां आकर दोनों ने सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई कि हमारे पापा को कानपुर पुलिस पकड़कर ले गई है उनके साथ कुछ भी हो सकता है। हमें मुख्यमंत्री से मिलवा दो।
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