MP Poster Politics: एमपी में चुनाव से पहले पोस्टर पॉलिटिक्स की शुरुआत हो गई है, ऐसे में पोस्टर की सियासत जोरों पर है। भोपाल में कमलनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर लगने के बाद अब सीएम शिवराज के खिलाफ पोस्टर दिखे। शहर में विभिन्न हिस्सों में शिवराज को घोटालों का राज और घोटालों की सरकार बताने वाले पोस्टर लगे दिखे। इन पोस्टरों में ‘शिवराज नहीं घोटाला राज’ ‘शिवराज के 18 साल...घपले और घोटालों की भरमार’ जैसे टाइटल के साथ कई घोटालों का जिक्र है। इस मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
वही इन पोस्टरों के लगने के बाद मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। इस मामले पर दोनों दल एक-दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं जहां कांग्रेस ने बीजेपी पर पोस्टर चिपकाने का आरोप लगाया है। वही भाजपा का कहना है कि, इससे हमारा कोई लेना देना नहीं।
भाजपा नेताओं के बयान
इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा- जिस तरह की बात सामने आ रही है कि भोपाल की सड़कों पर श्रीनाथजी के खिलाफ लगाए गए पोस्टरों के पीछे कांग्रेस के नेताओं की ही आपसी अंतर्द्वंद व गुटबाजी कारण है। अब जब कांग्रेस पुलिस में शिकायत दर्ज कराने गयी तो दिग्विजय सिंह गुट के श्री पीसी शर्मा ने मौके पर मौजूद होने के बावजूद पुलिस को दिये शिकायती आवेदन पर हस्ताक्षर क्यों नही किये...? दाल में कुछ काला तो है...
आगे नरेंद्र सलूजा ने कहा कि, पोस्टर को घटिया राजनीति बताने वाले , पोस्टर पर लंबा चौड़ा भाषण देने वाले कमलनाथ जी इस सच्चाई को जानते हैं कि पर्दे के पीछे इन पोस्टरो के पीछे कांग्रेस के नेताओं का ही हाथ है लेकिन फिर भी अपनी पार्टी का अन्तर्कलह व गुटबाजी छुपाने के लिए कांग्रेस ने पोस्टर वार की घटिया राजनीति की शुरआत की है, जानबूझकर पहले भाजपा पर झूठे आरोप लगाए और अब अपने असंतुष्ट नेताओं के कारनामों को छुपाने के लिए पोस्टर वार की घटिया राजनीति की शुरुआत की है लेकिन वह यह सच्चाई जान ले कि भाजपा का विश्वास विकास व सकारात्मक राजनीति में हैकांग्रेस कितनी भी पोस्टर की घटिया राजनीति कर ले ,जनता उनको जवाब जरूर देगी... वही कल कांग्रेस के आरोपों पर भड़कते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था कि, हर चीज BJP पर क्यों डालते हो, इससे भाजपा का कोई लेना देना नही, ये कांग्रेस में अंतर्द्वंद्व है।
कांग्रेस नेताओं के बयान
इधर कमलनाथ ने कहा था कि उन्हें कोई नीचा नहीं दिखा पाएगा। प्रदेश की जनता उनकी गवाह है। उन्होंने कहा कि उनके 45 साल के राजनीतिक जीवन में किसी ने उनके ऊपर लगा कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं सुना होगा। उन्होंने भाजपा के संदर्भ में कहा कि पार्टी को इतनी निचली राजनीति में जाते हुए शर्म नहीं आती। भाजपा का एक-एक नेता भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि किसी भी प्रदेश में कोई भ्रष्टाचार तब तक नहीं हो सकता, जब तक मुख्यमंत्री उसमें भागीदार नहीं हो। भाजपा ने पंचायत से लेकर मंत्रालय तक भ्रष्टाचार की व्यवस्था बना दी है। पैसे दो और काम लो इनका नारा है। उन्होंने कहा था कि जब भाजपा के पास उनके (कमलनाथ के) बारे में कुछ कहने को बचा नहीं है, तो इस प्रकार की राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि जनता उनकी गवाह है। उन्हें भाजपा से कोई प्रमाणपत्र नहीं चाहिए।
इससे पहले पीयूष बबेले ने ट्वीट कर लिखा था- कमलनाथ के आपत्तिजनक पोस्टर लगवाकर भाजपा ने दिखा दिया है कि वह राजनीति के कितने भी निचले स्तर पर जा सकती है। जिस व्यक्ति ने पिछले 44 साल से अपने खून पसीने से मध्यप्रदेश की माटी की सेवा की है और रात दिन प्रदेश के नव निर्माण के लिए तपस्या की है, उसकी छवि बिगाड़ने की कोशिश मध्य प्रदेश की अस्मिता पर हमला है। यह मध्यप्रदेश का अपमान है। यह प्रदेश की सेवा का अपमान है। यह स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने के लक्ष्य का अपमान है। यह उन करोड़ों लोगों का अपमान है जिनके हृदय में कमलनाथ जी बसते हैं।
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