ग्वालियर। कैंसर पहाड़ी से होकर निकलने वाली सड़क पर 21 फरवरी को एक स्कूल बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से ही यह सवाल उठने लगा था कि आखिर कैंसर पहाड़ी से होकर निकलने वाली सड़क से स्कूल बस व भारी वाहन कैसे निकल रहे है, क्योंकि यह रास्ता तो उक्त वाहनो के लिए प्रतिबंधित है। स्कूल बस दुघर्टना में एक नर्सिग छात्रा की मौत हो गई थी जबकि कुछ घायल हो गए थे ओर उसके बाद भी प्रशासन 14 दिन तक खामश रहा ओर उस रास्ते से स्कूल बसें व भारी वाहन निकलते रहे परंतु अब सोमवार को कैंसर पहाड़ी के रास्ते पर उक्त वाहनो को रोकने के लिए हाईट बार लगा दिए गए है।
शहर में ट्रैफिक को लेकर प्रयोग तो बहुत किए जाते है, लेकिन उसका पालन किया जा रहा है कि नहीं इसको देखने की किसी को फुर्सत नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि पुलिस के जवान सिर्फ दो पहिया वाहनो की पर्ची काटने में व्यस्त रहते है ओर वह ऐसे मोड़ पर बैरीकेट्स लगाकर खड़े होते है कि वहां दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है। अब ट्रैफिक जाम हो रहा है कि नहीं इससे उनको कोई लेना देना नहीं रहता है। यही कारण है कि लालबत्ती के अधिकांश चौराहो पर हमेशा जाम का नजारा बना रहता है। इसी जाम से बचने एवं लम्बा चक्कर लगाने से बचने के लिए अधिकांश स्कूली वाहन कैंसर पहाड़ी के रास्ते से निकल रहे थे। वैसे इस रोड़ पर पहले भी हाईट बार लगा हुआ था, लेकिन स्कूल बस व भारी वाहनो को निकलने के लिए किसी ने उनको तोड़ दिया था जिसके बाद किसी ने ध्यान ही नहीं दिया था कि हाईट बार टूटने से उस रास्ते से भारी वाहन निकल रहे है। 21 फरवरी को स्कूल बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एकाएक इस तरफ ट्रैफिक पुलिस से लेकर प्रशासन का ध्यान गया, लेकिन उसके बाद भी भारी वाहनो को रोकने के 14 दिन का समय लगा जो यह बताने के लिए काफी है कि प्रशासन का काम कितना धीमा चलता है।
सोमवार को शाम के समय कैंसर पहाड़ी के रास्ते को भारी वाहन व स्कूल बसों को रोकने के लिए शिवपुरी लिंक रोड से कैंसर पहाड़ी के रास्ते पर हाईट बार लगा दिया गया ओर दूसरा पहाड़ी के ऊपर कैंसर हॉस्पीटल के सामने लगाया गया। इस हाईट बार के लगने से अब स्कूल बसों का आवागमन उस रास्ते से बंद हो जाएगा ओर दुर्घटना का अंदेशा भी नहीं रहेगा।
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