ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के राज्यपाल कोटे के कार्यपरिषद सदस्यों ने 6 बीएड महाविद्यालयों की सम्बद्धता रोकने के लिए कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी और कुलसचिव डॉ.आरकेएस बघेल को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने इन 6 महाविद्यालयों की जांच रिपोर्ट सहित अन्य जानकारी भी विश्वविद्यालय प्रबंधन से मांगी है।
राज्यपाल कोटे के कार्यपरिषद सदस्य डॉ.संगीता कटारे, संजय यादव और प्रदीप शर्मा ने कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी और कुलसचिव डॉ.आरकेएस बघेल को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने 5 ग्वालियर और एक कैलारस के बीएड महाविद्यालय को सम्बद्धता प्रदान करने पर रोकने लगाने को कहा है। जानकारी के अनुसार राज्यपाल कोटे के कार्यपरिषद सदस्यों को पता चला है कि इन महाविद्यालयों में कई खामियां हैं। उसके बाद भी इन्हें विश्वविद्यालय प्रबंधन सम्बद्धता देने की तैयारी कर रहा है। इसलिए उन्होंने सम्बद्धता देने से पहले ही रोक लगाने की मांग की है।
इन कॉलेज को सम्बद्धता देने पर रोक लगाने की मांग
हिन्दुस्तान महाविद्यालय, ग्वालियर
राधा बल्लबभ बीएड महाविद्यालय, रतवाई, ग्वालियर
आरएबी शिक्षा महाविद्यालय, अकबरपुर, ग्वालियर
झूलेलाल महाविद्यालय, लश्कर, ग्वालियर
स्वामी समर्थ बीएड कॉलेज, ग्वालियर
एएस डिग्री कॉलेज, कैलारस
ईसी मेम्बरों ने यह मांगी जानकारी
महाविद्यालयों में निरीक्षण करने गई निरीक्षण समिति के सदस्यों के नाम।
निरीक्षण करने के उपरांत महाविद्यालयों की जांच रिपोर्ट।
निरीक्षण दल द्वारा महाविद्यालयों की बनाई गई विडीयो रिकॉडिंग, सीडी।
महाविद्यालय में पदस्थ शिक्षकों की मानदेय, बैंक बैलेंस सीट, बैंक स्टेटमेंंट
अशासकीय महाविद्यालयों के निरीक्षण के लिए निरीक्षण समिति दल में कौन-कौन सदस्य रहते हैं। विवि/ उच्च शिक्षा राज्य शासन के क्या नियम हैं उसकी भी कॉपी उपलब्ध कराई जाए।
डीसीडीसी कार्यालय द्वारा कुलपति को उपलब्ध कराई गई निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति भी उपलब्ध कराई जाए।
बैठक में रखी थी सिर्फ 72 कॉलेजों की रिपोर्ट
जेयू के अधीन कुल 204 बीएड कॉलेज हैं। शनिवार को हुई स्थाई समिति की बैठक से एक दिन पहले तक सिर्फ 72 कॉलेजों की रिपोर्ट ही डीसीडीसी ऑफिस में पहुंची थीं, वहीं रविवार शाम को संख्या बढ़कर 186 हो गई। बताया गया है कि स्थायी समिति की बैठक 20 अप्रैल को प्रस्तावित है, इसमें बीएड कॉलेजों की रिपोर्ट मय प्रस्ताव के साथ एजेंडे में शामिल होना है। इसलिए रविवार को रात 1 बजे तक डीसीडीसी ऑफिस में प्रस्ताव बनाने का काम चलता रहा। रविवार को दिन में कई बार बिजली गुल हुई, इसके चलते प्रस्ताव बनाने में व्यवधान हुआ। यही वजह रही कि देर रात तक प्रस्ताव बनाए गए, जिन कॉलेजों के प्रस्ताव रह गए हैं उनका काम सोमवार को भी हुआ।
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