अनूपपुर, मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन से पहले पुलिस लाइन मार्ग के पास पहुंच कर शांतिपूर्वक अपनी मांग करने के लिए अतिथि शिक्षक खड़े हुए थे, जहां भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सीतापुर में ही बने वन चौकी में सभी को डाल दिया, जहां कुछ देर रखने के बाद वहां से भगा दिया गया, जब सभी अतिथि शिक्षक सर्किट हाउस जाने लगे तो वहां से पुलिस ने उन्हे बस में भरकर सीधे 40 किलोमीटर दूर कोतमा थाने पहुंचा दिया।
सीएम से मिलने से रोका :
जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सूदूर क्षेत्र से पहुंचे अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने पहले खदेड़ कर सीतापुर स्थित वन चौकी के अंदर बंद कर दिया था, उसके बाद उन्हे वहां से बाहर निकाल दिया गया, जब मुख्यमंत्री से मिलने सर्किट हाउस जाने लगे तो पुलिस ने बस में भरकर 40 किलोमीटर दूर कोतमा थाने में पहुंचा दिया। जबकि वे सभी शांति पूर्वक ज्ञापन देने व अपनी समस्या से रूबरू करवाने सड़क के किनारे खड़े हुए थे, लेकिन प्रशासन ने मुख्यमंत्री से मिलने से अतिथि शिक्षकों को रोक दिया।
महिला अतिथि को भी ले गये :
अतिथि शिक्षक संघ के सदस्य ज्ञापन देने मुख्यालय पहुंचे थे, जहां पुलिस के द्वारा उन्हे रास्ते में रोक लिया गया। न तो उन्हे कार्यक्रम स्थल पहुँचने दिया और न ही शांति पूर्वक मिलने दिया, जबकि कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाकर व्यवस्थित कार्यक्रम किया जा सकता था। महिला अतिथि शिक्षकों को भी डग्गे में भरकर 40 किलोमीटर दूर कोतमा थाने में पहुंचा दिया, गौरतलब हो कि सभी के घर कई किलोमीटर दूर है और मुख्यालय से आने-जाने का कोई साधन भी नहीं है, ऐसे में भला वह कैसे सुरक्षित घर पहुंचेगी यह भी एक प्रश्न चिन्ह है।
जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया साथ :
मुख्यमंत्री से शांति पूर्वक मिलने का आग्रह करने के बाद अतिथि शिक्षक मुख्यालय पहुंचे थे, जहां एसडीएम के समक्ष बात रखकर सैकड़ों अतिथि शिक्षकों में से केवल 3 तीन अतिथि शिक्षक ही मिलने के लिए जाने वाले थे, लेकिन किसी ने भी एक नहीं सुनी और मुख्यमंत्री के आने से पहले ही उन्हे खदेड़ दिया गया। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह से भी अतिथि शिक्षकों ने चर्चा की साथ ही पुलिस अधीक्षक एमएल सोलंकी से भी बात करने पर भी किसी ने भी एक नहीं सुनी और महिला व पुरूष अतिथि शिक्षकों को 40 किलोमीटर दूर पहुंचा दिया।
आखिर किसके इशारे पर खदेड़ा :
अतिथि शिक्षक के द्वारा बीते दिनों भी शांति पूर्वक ज्ञापन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री के आगमन की बात सुनकर मुख्यालय पहुंचकर अपनी बाते उनके समक्ष रखने वाले थे, जहां किसी भी प्रकार की अव्यवस्था व शांति भंग नही की गई, न तो उन्हें वहां से कार्यक्रम स्थल जाने के लिए बोला गया और नही छोड़ा गया, बल्कि 40 किलोमीटर दूर बस में भरकर छोड़ दिया गया। यह सब किसके इशारे पर हुआ यह तो नहीं पता, लेकिन पुलिस और भाजपा नेताओं ने मिलकर मुख्यमंत्री से मिलने से अतिथि शिक्षकों को रोक दिया।
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