इंदौर। एक नाबालिग किशोरी को अपने साथ भगा ले गया। किशोरी के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस ने नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिया। वह थाने से भागा और उसकी लाश रेलवे पटरी पर मिली। उसकी मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल मचाया। थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए ट्रैफिक जाम कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि किशोरी के परिजनों ने पुलिस के साथ मिली भगत कर उसे ट्रेन के सामने धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। काफी बवाल के बाद पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
कैलोदहाला निवासी राज ( बदला हुआ नाम) को लसूडिय़ा पुलिस ने किशोरी के अपहरण के मामले में हिरासत में लिया था। उससे पूछताछ की जा रही थी इसी दौरान वह पुलिस को चकमा देकर वहां से भाग गया। बाद में उसकी लाश रेलवे पटरी पर मिली। इस बात की सूचना राज के परिजनों को मिली तो हंगामा हो गया।परिजनों का कहना था कि पुलिस से मिली भगत कर किशोरी के परिजनों ने राज को ट्रेन के सामने धक्का दिया है। इनका कहना था कि जब वह पुलिस हिरासत में था तो उसकी लाश पटरी तक कैसे पहुंची। उसकी मौत के बाद तो लोगों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। सैकड़ों लोगों ने थाने पर प्रदर्शन करते हुए ट्रैफिक जाम कर दिया।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। हंगामे के बाद पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया उसके बाद मामला शांत हुआ। दूसरी ओर इस घटना के बारे में पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर के पास भी जानकारी पहुंची। पुलिस कमिश्नर ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं । किशोर के परिजनों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी से वह भागा इसके बाद लसूडिया थाना क्षेत्र में रेलवे पटरी पर उसकी लाश मिली। मृतक के घर वालों ने लड़की के परिवार वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए थाने पर जमकर हंगामा और घेराव कर दिया था। न्यायिक जांच के दौरान किशोर थाने से कैसे फरार हुआ..? उसके भागने में किसकी लापरवाही रही..? उसकी लाश पटरी तक कैसे पहुंची..? वह कैसे हादसे का शिकार हुआ..? क्या उसके साथ कोई और घटना हुई थी..? जैसे सवाल जांच में शामिल किए गए हैं।
केस लगाने की धमकी देकर मांग रहे थे पैसे
राज एक किशोरी के साथ 27 अप्रैल को लापता हुआ था। किशोरी के परिजनों ने लसूडिय़ा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। एक एएसआई ने उसे फीनिक्स टाउनशिप से हिरासत में लिया था। किशोरी के कोर्ट में बयान भी करवा दिए। इसके बाद भी राज के परिजनों को उसके हिरासत में होने के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। उसके परिजनों का कहना है कि एएसआई केस लगाने की धमकी देकर पैसा मांग रहा था और वह वहां से फरार हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि राज के नाना और दोस्त सचिन को इस मामले में आरोपी बनाने की धमकी देकर पैसा मांगा जा रहा था। इस मामले में न्यायिक जांच पूरी होने के बाद सच्चाई सामने आएगी।
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