मुलताई, मध्यप्रदेश। अषाढ़ सप्तमी पर शुक्रवार सुबह ब्रम्हमुहुर्त में ताप्ती तट स्थित मां ताप्ती के मंदिर में पुजारियों ने अभिषेक कर विधि विधान से पूजन किया। मां ताप्ती की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार कर उन्हे आभूषण पहनाए गए जिसके बाद मां ताप्ती जन्मोत्सव समिति के द्वारा मंदिर में पूजन किया गया।
कोविड नियमों का किया गया पालन :
मां ताप्ती के जन्मोत्सव पर कोविड नियमों के चलते परिक्रमा मार्ग पर जहां बेरिकेट्स लगाकर सीमित लोगों को ही थोड़ी-थोड़ी देर में प्रवेश दिया गया वहीं मंदिर में भी एक तरफ से जाने तथा दर्शन कर तत्काल दूसरी तरफ से श्रद्धालुओं के निकलने की व्यवस्था की गई ताकि मंदिर में भीड़ ना हो सके। इसके लिए परिक्रमा मार्ग पर स्थित प्रवेश द्वार के पास भी बेरिकेट्स लगाए गए साथ ही नगर के मुख्य मार्ग पर बेरियर नाका, फव्वारा चौक सहित मासोद तिराहे के पास भी बेरिकेट्स लगाकर चौपहिया वाहनों सहित दुपहिया वाहनों का भी आवागमन प्रतिबंधित किया गया। प्रशासन द्वारा पूर्व से ही लोगों को घरों में जन्मोत्सव मनाने की प्रचार प्रसार करने से ग्रामीण अंचलों से भीड़ नगर में नही जुटी वहीं पूरे दिन मां ताप्ती के दर्शन तथा पूजन का सिलसिला चलता रहा तथा शाम को नगरवासियों ने भी ताप्ती तट पहुंचकर मां ताप्ती का पूजन किया।
टैक्सी यूनियन ने चढ़ाया 1100 लड्डुओं का भोग
नगर में प्रतिवर्ष टैक्सी यूनियन द्वारा मां ताप्ती जन्मोत्सव पर विशाल भंडारा आयोजित किया जाता रहा है। लेकिन विगत वर्ष लाकडाऊन एवं इस वर्ष कोविड नियमों के चलते भंडारों के आयोजन पर प्रतिबंध होने से 1100 लड्डुओं का भोग मां ताप्ती को चढ़ाया गया। इसके लिए टैक्सी यूनियन के बब्बल सेवतकर, चिंटू खन्ना, नरेन्द्र गिरी, धनंजय ठाकुर सहित सदस्यों द्वारा 51 लड्डुओं का भोग चढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी जो नही मिलने से 1100 लड्ड़ओं का भोग चढ़ाया गया। टैक्सी यूनियन के सदस्य गाजे बाजे के साथ बस स्टेंड से भोग लेकर ताप्ती मंदिर पहुंचे जहां विधि विधान से पूजन उपरांत भोग चढ़ाया गया।
बेटी का किया स्वागत
मां ताप्ती जन्मोत्सव पर नगर के सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाली दो बेटियों के पैर पखारकर ताप्ती वाहिनी संगठन द्वारा उनको चुनरी ओढ़ाई गई साथ ही उनकी माताओं को उनका नाम ताप्ती के नाम पर रखने का आग्रह किया गया।
संगठन की रेशमा खान ने बताया कि अषाढ़ सप्तमी के पावन पर्व पर मां ताप्ती का जन्मोत्सव आता है इस शुभ दिन नगर के सरकारी अस्पताल में दो बेटियों ने जन्म लिया जिसकी जानकारी मिलते ही संगठन के सदस्यों द्वारा सरकारी अस्पताल पहुंचकर नवजात बेटियों के पैर पखार कर चुनरी ओढ़ाई गई तथा उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर अस्पताल के मरीजों को फल एवं बिस्किट का वितरण भी किया गया। संगठन के सदस्यों ने बताया कि मां ताप्ती के जन्मोत्सव पर जन्म लेने वाली बेटियां मां ताप्ती का ही स्वरूप हैं जिनका नाम भी मां ताप्ती से संबन्धित ही रखा जाना चाहिए। इसके लिए उनकी माताओं से आग्रह भी किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष मां ताप्ती जन्मोत्सव पर जन्म लेने वाली बेटियों का संगठन द्वारा स्वागत किया जाता है।
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