61 लाख फायदे का बजट तो निगम प्रशासक बोले फायदा कैसे हुआ Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : 61 लाख फायदे का बजट तो निगम प्रशासक बोले फायदा कैसे हुआ

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : निगम प्रशासक ने बाल भवन में बजट को लेकर की चर्चा। 1250 करोड़ से बढ़कर 1470 करोड़ के लगभग का हुआ बजट। स्वच्छता सर्वेक्षण में 7 स्टार रैकिंग पाने फायदे का बजट करना है पेश।

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नगर निगम में वर्ष 2022-23 के लिए 31 मार्च से पहले बजट पारित किया जाना है। इसके लिए जनवरी 2022 से बैठक की जा रही हैं। मंगलवार को भी बजट पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई जिसमें निगम प्रशासक आशीष सक्सेना सहित निगमायुक्त किशोर कन्याल एवं निगम अधिकारी उपस्थित थे। निगम प्रशासक के समक्ष बजट पेश करते हुए बताया गया कि इस बार 61 लाख रुपए फायदे का बजट प्रस्तुत हो रहा है। इस पर निगम प्रशासक ने पूछा कि फायदा कैसे हो गया। बहुत से काम हैं जिनके लिए बजट कम पड़ता है, फिर फायदा कैसे संभव है। इसके बाद अधिकारियों ने विभाग वार जानकारी दी। दोपहर 3:30 बजे शुरू हुई बैठक शाम 6:15 पर खत्म हुई। सूत्रों के अनुसार 30 मार्च को बजट पारित कर दिया जाएगा।

बाल भवन की टीएलसी में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को लेकर बैठक आयोजित की गई। इसमें अधिकारियों ने जनवरी 2022 में लेखा शाखा द्वारा प्रस्तुत किए गए लगभग 1220 करोड़ के बजट पर चर्चा की। जो बजट पेश किया गया है उसमें निगम प्रशासक आशीष सक्सेना एमआईसी एवं परिषद के अस्तित्व में न होने के कारण संशोधन लगा रहे हैं। बजट बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि अभी 61 लाख रुपए फायदे का बजट प्रस्तुत किया गया है। निगम प्रशासक ने पूछा कि फायदे का बजट कैसे पेश हो रहा है। कई विभागों के आंकड़े तो ठीक ही नहीं है। कोई 5 साल पुरानी वसूली लेकर बैठा है तो किसी विभाग में अनुमानित आंकड़े दर्शाए जा रहे हैं। इन्हीं आंकड़ों की वजह से ही लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। आप लोग अपने-अपने विभागों में आय एवं व्यय सहित आंकड़े दर्ज करें और तब बजट प्रस्तुत किया जाए। मैंने पिछली बैठकों में सभी विभागों को दिशा निर्देश दिए थे कि हमें हकीकत के आंकड़े बजट में प्रस्तुत करने हैं, लेकिन अब तक विभागध्यक्षों ने सही आंकड़े नहीं दिए। अगली बैठक से पहले सही आंकड़े बजट में शामिल कर दिए जाएं तो मैं बजट पारित कर दूंगा।

आंकड़ों का शुद्धिकरण तो करें :

बैठक में दौरान निगम प्रशासक ने कहा कि बजट में किसी भी विभाग के सटीक आंकड़े नहीं हैं। आप लोग अपने विभाग के आंकड़ों का सबसे पहले शुद्धिकरण करें। इसके बाद आय कैसे बढ़ेगी इस पर सुझाव दें और उस काम को बजट में शामिल करें। तब इस बजट की सार्थकता सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि सम्पत्तिकर जमा कराने जब कोई आता है तो उससे 10 गुना अधिक राशि मांगी जाती है। उदाहरण के रूप में किसी व्यक्ति ने 2014 में मकान बनाने के लिए प्लॉट लिया। वह नामांतरण के लिए निगम में आया तो हम उससे 1997 तक का सम्पत्तिकर जमा कराते हैं। जब उसने प्लॉट ही 2014 में लिया है तो वह 1997 का सम्पत्तिकर जमा क्यों करेगा। हमें इस पैटर्न को बदलना होगा। हम उस व्यक्ति से सही कर लेंगे तभी तो वह पैसा जमा करेगा। अधिक पैसा मांगने पर लोग टैक्स ही जमा नहीं कराते।

किस कार्य के लिए कितना बजट रखा :

  • सड़क निर्माण के लिए 70 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

  • खुदी सड़कों की मरम्मत के लिए 25 करोड़ का बजट रखा गया है।

  • अमृत फेज 2 में सीवर प्रोजेक्ट के लिए 40 करोड़ तथा पानी प्रोजेक्ट के लिए 40 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

  • क्षेत्रीय कार्यालयों को अपग्रेड करने के लिए 5 करोड़ का बजट रखा गया है। अमृत योजना में ओएण्डडेम में पानी के लिए 8 करोड़ एवं सीवर के लिए 9 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है।

  • स्पेशल डिजास्टर रिलीफ फण्ड (एसडीआरएफ) में 60 करोड़ रुपए शासन द्वारा दिए जाने हैं। इसे भी बजट में शामिल किया गया है।

  • श्मशान एवं कब्रिस्तान में विभिन्न कार्य कराने के लिए 5 करोड़ का बजट रखा गया है।

  • स्वीमिंग पुल के संधारण के लिए 50 लाख रुपय का बजट रखा गया है।

  • कार्यशाला के लिए 150 करोड़ का बजट रखा गया है।

  • सोलर एनर्जी पर बजट में 5 करोड़ का बजट रखा गया है।

  • सोलेड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बजट में 90 करोड़ रुपय का प्रावधान किया गया है।

  • कार्यशाला के लिए 18 करोड़ रुपए डीजल पर, 15 करोड़ रुपए वाहन खरीदने, 7 करोड़ रुपए किराए पर लगे वाहनों का भुगतान करने एवं 5 करोड़ रुपए ई रिक्शा एवं ई टिपर पर खर्च किए जाएंगे।

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