हाइलाइट्स:
विशेष कोर्ट ने अचल संपत्ति राजसात करने का दिया आदेश।
अभियोजन ने 44 गवाह पेश किए थे।
12 साल पहले मारा था छापा।
इंदौर, मध्यप्रदेश। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले आरोपी लोक सेवक लाखनसिंह पिता वासुदेव सिंह राजपूत को विशेष अदालत ने 4 वर्ष का सश्रम कारावास साथ ही कोर्ट ने 2 करोड रूपये का जुर्माना एवं अचल संपत्ति भी राजसात करने का आदेश दिया है।
विशेष जज राकेश गोयल, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष न्यायालय, इंदौर ने निर्णय पारित करते हुए आरोपी लाखन सिंह पिता वासुदेव सिंह राजपूत निवासी विजयनगर इंदौर को धारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) (ई) सहपठित धारा 13 (2) में 4 वर्ष सश्रम कारावास और 2 करोड रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया एवं अचल संपत्तियों को राज्य शासन के पक्ष मे राजसात किये जाने हेतु आदेश किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन में विशेष लोक अभियोजक ज्योति गुप्ता द्वारा की गई।
अभियोजन ने 44 गवाह पेश किए थे:
अभियोजन ने 44 गवाह पेश किए थे, केस की सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपने बचाव मे 3 साक्षीगण कथन कराए गए एवं अभियोजन द्वारा अपने मामले को प्रमाणित करते हुए कठोर से कठोर दंड दिलाए जाने एवं अधिक से अधिक जुर्माने का निवेदन किया गया था।
12 साल पहले मारा था छापा:
आरोपी लाखन सिंह राजपूत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सेंधवा जिला बड़वानी म.प्र. के संबंध में दिनांक 11.11.2011 को सूत्र सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी द्वारा भ्रष्टाचार कर अवैधानिक रूप से अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित की है । टीम ने इंदौर में अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा था।
सी.एच. 82 स्कीम नंबर 74-सी, भूखंड क्रमांक-8 डी.बी./एस-3 स्कीम नंबर 78, भूखंड क्रमांक-9 डी.बी./एस-3 स्कीम नंबर 78, मकान नंबर सी.एच.-188 स्कीम नंबर 74-सी, भूखंड क्रमांक 18 योजना क्रमांक 136 की चल-अचल सम्पत्ति के अनुबंध होना लेख था एवं उक्तड सभी संपत्तियां आरोपी द्वारा अज्ञात स्त्रोतों से लगभग 1,20,50,000/-रूपये की आय होना अनुमानित है तथा आरेापी द्वारा लगभग 3.879 करोड़ रूपये की सम्पत्तियां अर्जित की गई है।
उक्त सूचना पर से आरोपी के विरूद्ध जांच प्रारंभ की गई, प्राथमिक जांच मे आय प्रमाणो के आधार पर प्रथम दृष्टया अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जन करने का मामला पाये जाने से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13 (2) के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं विवेचना उपरांत अभियुक्त के कब्जे मे 4,20,15,942/ रू की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई जिसका आरोपी द्वारा कोई संतोषप्रद लेखा प्रस्तुत नही किया गया। आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त ने 11.09.2013 को अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
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